N1Live Punjab काले पानी दा मोर्चा’: लुधियाना के बुड्ढा नाले में प्रदूषण के खिलाफ कार्यकर्ताओं ने किया प्रदर्शन, कार्रवाई की मांग
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काले पानी दा मोर्चा’: लुधियाना के बुड्ढा नाले में प्रदूषण के खिलाफ कार्यकर्ताओं ने किया प्रदर्शन, कार्रवाई की मांग

Kale pani da morcha’: Activists protest against pollution in Ludhiana's Buddha Nullah, demand action

काले पानी दा मोर्चा’ के बैनर तले लुधियाना, फिरोजपुर, अबोहर, फाजिल्का, राजस्थान आदि स्थानों से हजारों लोग बुड्ढा नाला बचाने के लिए यहां वेरका मिल्क प्लांट के पास एकत्र हुए।

आज कई पर्यावरणविद्, सामाजिक संगठन, मशहूर हस्तियां और किसान इस रैली का हिस्सा थे, जो वेरका प्वाइंट से शुरू होकर भाई बाला चौक तक गयी।

दोपहर करीब 12:15 बजे वेरका मिल्क प्लांट के पास दोपहिया और चार पहिया वाहनों, ट्रकों और ट्रॉलियों सहित वाहनों की लंबी कतारें देखी गईं। फिरोजपुर रोड के एक तरफ वाहनों की आवाजाही बंद कर दी गई और अगर नगर तक जाम लग गया। यातायात की धीमी गति के कारण निवासियों और यात्रियों को असुविधा का सामना करना पड़ा।

काले पानी दा मोर्चा’ के सदस्यों ने कहा कि पानी जीवन की मूलभूत आवश्यकता है। भारत का संविधान प्रत्येक नागरिक को जीवन का अधिकार देता है, जिसमें स्वच्छ जल और वायु का अधिकार शामिल है। पिछले चार दशकों से पंजाब की नदियाँ और भूजल जहरीले अपशिष्टों से दूषित हो रहे हैं। नतीजतन, पंजाब के लोग ज़हरीला पानी पीने को मजबूर हैं, जिससे कैंसर, हेपेटाइटिस सी और कई अन्य गंभीर बीमारियाँ फैल रही हैं। यह पंजाब के खिलाफ़ नरसंहार की एक सोची-समझी कार्रवाई है, जिसे सरकार की जानबूझकर की गई लापरवाही ने संभव बनाया है।

पंजाब में वर्तमान में शासन कर रही राजनीतिक पार्टी ने सत्ता में आने से पहले इस मुद्दे को बड़े पैमाने पर उठाया था, लेकिन अब उनकी चुप्पी आश्चर्यजनक और दुर्भाग्यपूर्ण दोनों है। पंजाब के लोग इस जहरीले काले पानी से मुक्ति चाहते हैं। आयोजकों ने कहा कि उन्होंने आज यह दिखा दिया कि चाहे सरकार कार्रवाई करे या लोग खुद कदम उठाएं, उन्हें यह आजादी जरूर मिलेगी।

नरोआ के जसकीरत सिंह ने कहा कि सरकार ने आज तक न तो पानी को प्रदूषित करने वाले उद्योगों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई की है और न ही पंजाब प्रदूषण बोर्ड के भ्रष्ट अधिकारियों पर कोई कार्रवाई की है। अगर सरकार अगले दो सप्ताह में अवैध उद्योगों को बंद करने और सतलुज व अन्य नदियों के प्रदूषण को रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाती है तो 15 सितंबर को पहले से घोषित कार्रवाई के अलावा कोई विकल्प नहीं बचेगा। इसके परिणामों की पूरी जिम्मेदारी पंजाब सरकार की होगी।

सिंह ने कहा कि टीम सभी सहयोगी संगठनों के परामर्श से, तदनुसार अगली कार्रवाई की योजना बनाएगी

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