मुंबई, बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत ने बुधवार को टीवी अभिनेत्री तुनिशा शर्मा की आत्महत्या मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। कंगना ने तुनिशा शर्मा की आत्महत्या को हत्या करार दिया है। रिपोर्ट के अनुसार, अभिनेत्री ने पीएम मोदी से ‘बहुविवाह’ और ‘एसिड अटैक’ के खिलाफ महिलाओं की सुरक्षा के लिए कड़े कानून बनाने की भी अपील की है।
शनिवार को पालघर में सेट पर कथित तौर पर आत्महत्या करने वाली एक टेलीविजन अभिनेत्री तुनिशा की मौत पर टिप्पणी करते हुए कंगना ने एक पोस्ट में लिखा है : “एक महिला सब कुछ सह सकती है, प्यार, शादी, रिश्ते या यहां तक कि किसी प्रियजन की कमी भी, लेकिन वह इस तथ्य से कभी नहीं निपट सकती कि उसकी लव स्टोरी में कभी भी दूसरे व्यक्ति के लिए प्यार नहीं था।”
उन्होंने आगे लिखा, “किसी दूसरे व्यक्ति के लिए उसका प्यार और कमजोरी बस उसका शोषण करने के लिए एक आसान सा तरीका था। उसकी वास्तविकता पहले जैसा नहीं रहती, क्योंकि दूसरा व्यक्ति उस रिश्ते में रहकर उसे शारीरिक और मानसिक तौर पर परेशान करता रहता है। जब उसको सच्चाई पता चलती है, तब तक उसकी वास्तविकता खुद आकार बदलना शुरू हो चुकी होती है, क्योंकि उसके सामने चीजें बहुत शॉकिंग तरीके से पेश होती हैं। वह हर धारणा को प्यार और खूबसूरती के साथ जोड़ती है। उसके दिमाग में फिर से सारी चीजें चलने लगती हैं।”
“वह अपने परसेप्शन पर भरोसा नहीं कर सकती है और ऐसी स्थिति में किसी को जीने या मरे होने में कोई अंतर महसूस नहीं होता है, ऐसे में जब वह अपनी जिंदगी को खत्म करने का फैसला करती है, तो वह इसके लिए अकेली जिम्मेदारी नहीं है, यह हत्या है।”
कई महिलाओं के साथ उनकी सहमति या नॉलेज के बिना बहुविवाह में लिप्त होना एक आपराधिक अपराध होना चाहिए। महिलाओं के शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक भलाई की कोई जिम्मेदारी लिए बिना उनका यौन शोषण करना और बिना किसी वैध कारण के अचानक उनसे संबंध तोड़ लेना भी एक आपराधिक अपराध होना चाहिए।
एक अन्य इंस्टाग्राम स्टोरी में अभिनेत्री ने लिखा, “हमें अपनी बेटियों की देखभाल करने की जरूरत है। यह सरकार की जिम्मेदारी है कि वह नारी की रक्षा और उसे समृद्ध बनाए। जिस भूमि पर महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं, उसका विनाश होना तय है। मैं माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अनुरोध करती हूं कि जैसे कृष्ण द्रौपदी के लिए उठे, जैसे राम ने सीता के लिए स्टैंड लिया, हम आपसे अपेक्षा करते हैं कि आप बहुविवाह, महिलाओं के खिलाफ एसिड हमले और महिलाओं के टुकड़े किए जाने वाले आपराधियों के लिए ऐसा कानून बने कि उन्हें बिना किसी मुकदमें के मौत की सजा सुनाई जानी चाहिए।”
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