मुख्यमंत्री सुखविन्द्र सिंह सुक्खू ने आज यहां ऊना के विधायक सतपाल सिंह सत्ती के प्रश्न के उत्तर में सदन में कहा कि कांगड़ा केन्द्रीय सहकारी बैंक (केसीसीबी) ने एकमुश्त समाधान योजना के तहत 5,461 ऋण मामलों का निपटारा किया है, जो गैर-निष्पादित परिसंपत्तियां (एनपीए) बन गए थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 198.37 करोड़ रुपये से अधिक के ऋण का निपटान किया गया, जबकि 185.38 करोड़ रुपये माफ किए गए। एकमुश्त समाधान योजना के तहत निपटाए गए कुल 5,461 मामलों में से 4,420 का निपटारा कर बंद कर दिया गया। निपटाए गए और बंद किए गए मामलों में लाभार्थियों ने लगभग 112.12 करोड़ रुपये का भुगतान किया जबकि 122.15 करोड़ रुपये माफ किए गए।
उन्होंने कहा कि केवल खराब ऋणों पर ब्याज माफ किया गया है और मूल राशि अभी भी देय है। उन्होंने कहा कि 9 सितंबर, 2022 से पहले केसीसीबी केवल 10 लाख रुपये तक के ऋणों का निपटान कर सकता था। हालांकि, पिछली भाजपा सरकार ने केसीसीबी के बढ़ते एनपीए के कारण निपटान सीमा समाप्त कर दी थी।
सदन में केसीसीबी द्वारा कर्ज माफ करने का मुद्दा उठाया गया क्योंकि बैंक ने कांग्रेस के पूर्व विधायक सतपाल रायजादा का भी कर्ज माफ किया था। भाजपा ने आरोप लगाया कि केसीसीबी ने वन टाइम सेटलमेंट स्कीम के तहत सतपाल रायजादा का करीब 3.5 करोड़ रुपये का कर्ज माफ किया है, जो भ्रष्टाचार है। हालांकि, मुख्यमंत्री ने कहा कि आरबीआई के दिशा-निर्देशों और बैंक की वन टाइम सेटलमेंट स्कीम के तहत रायजादा का कर्ज आंशिक रूप से माफ किया गया है।
सत्ती ने कहा कि सरकार को एकमुश्त समाधान योजना का लाभ उन लोगों को भी देना चाहिए जिन्होंने छोटे ऋण लिए हैं, लेकिन कठिन परिस्थितियों या परिवार के एकमात्र कमाने वाले सदस्य की मृत्यु के कारण ऋण चुकाने में असमर्थ हैं।
मुख्यमंत्री ने सदन को आश्वस्त किया कि सरकार छोटे ऋण लेने वाले लोगों की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए बैंक की योजनाओं का विस्तार करने का प्रयास करेगी।