जयपुर, कन्हैया लाल हत्याकांड में पुलिस की कथित लापरवाही को लेकर राजस्थान सरकार ने बड़ा फेरबदल करते हुए उदयपुर के पुलिस अधीक्षक (एसपी) और महानिरीक्षक (आईजी) रेंज को हटा दिया है।
हत्याकांड की जांच के लिए गठित एसआईटी का नेतृत्व कर रहे प्रफुल्ल कुमार को नया आईजी बनाया गया है।
इस बीच, हत्यारों गौस मोहम्मद और रियाज जब्बा को उदयपुर से अजमेर की हाई सिक्योरिटी जेल में शिफ्ट कर दिया गया है।
वहीं, मामले में आगे की जांच के लिए एनआईए की टीम गुरुवार रात कानपुर पहुंची और कई जगहों पर छापेमारी की।
राजस्थान में शुक्रवार को चौथे दिन भी इंटरनेट बंद रहा। हिंसा को रोकने के लिए धारा 144 भी लगा दी गई है।
गुरुवार की रात पुलिस ने हत्या की साजिश में शामिल दो और आरोपियों मोहसिन और आसिफ को गिरफ्तार कर लिया। तीन अन्य आरोपियों को भी हिरासत में लिया गया है और उनसे पूछताछ की जा रही है। इस हत्याकांड में आर्म्स एक्ट के तहत मामला भी दर्ज किया गया है।
एसआईटी शुक्रवार को दोनों आरोपी गौस मोहम्मद और रियाज जब्बार से पूछताछ करेगी। उदयपुर जिला अदालत ने गुरुवार को उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
हत्यारों गौस और रियाज जब्बार को उदयपुर से अजमेर की हाई सिक्योरिटी जेल में शिफ्ट करने के बाद अलग-अलग बैरक में रखा गया है।
इस नृशंस हत्या के विरोध में शुक्रवार को सीकर, दौसा और बाड़मेर समेत कई शहरों में बंद का ऐलान किया गया है।
राजस्थान सरकार ने 32 आईपीएस अधिकारियों का किया तबादला
जयपुर, उदयपुर हत्याकांड के बाद राजस्थान सरकार ने कुल 32 आईपीएस अधिकारियों का तबादला कर दिया है। विशेष रूप से, दर्जी कन्हैया लाल द्वारा उनकी नृशंस हत्या से पहले मिली कथित धमकियों पर दर्ज शिकायत पर समय पर कार्रवाई नहीं करने के लिए पुलिस से पूछताछ की जा रही है।
गुरुवार को उदयपुर में मौजूद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कन्हैया लाल का शिकायत पत्र पढ़ा और आईजी हिंगलाजदान और एसपी मनोज कुमार से सवाल किया कि इस मामले में कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई।
उसी रात आईजी और एसपी का तबादला कर दिया गया।
प्रफुल्ल कुमार नए आईजी हैं और विकास शर्मा उदयपुर में नए एसपी हैं।
जोधपुर कमिश्नर नवज्योति गोगोई को भी शिफ्ट कर जयपुर पुलिस अकादमी की जिम्मेदारी दी गई है।
2 मई को जोधपुर में बड़े सांप्रदायिक दंगे हुए थे जिसके बाद इंटरनेट बंद कर दिया गया था।