अभिनेता करण वाही ने अभिनेत्री स्नेहा नमानंदी के साथ पेट स्टेशन के ‘पेट स्टोरीज’ पर बात की, जिसमें अभिनेता ने बताया कि कैसे उनके प्यारे डॉग ‘नोह’ ने न केवल उनकी जिंदगी बदल दी, बल्कि अपने डर पर विजय पाने में भी उनकी मदद की।
करण ने बताया कि एक समय ऐसा भी था, जब उन्हें कुत्तों से बहुत डर लगता था। अभिनेता ने बताया, “एक घटना मुझे याद है, जब एक कुत्ते से बचने के लिए मैं बालकनी से कूद गया था। किस्मत अच्छी थी और बालकनी में लगी ग्रिल की वजह से मैं बच गया था। यह मेरी अब तक की सबसे बेवकूफी भरी हरकत थी।”
वाही ने बताया, ” ‘खतरों के खिलाड़ी’ के दौरान मैंने मेकर्स से कहा था कि मुझे कोई भी पालतू जानवर दे दो, लेकिन कुत्ता नहीं!”
उनके जीवन में ‘नोह’ की एंट्री के बारे में अभिनेता ने बताया, “कोविड क्वारंटाइन के दौरान, हमारे पास कोई काम नहीं था, इसलिए हम सोशल मीडिया चलाते रहते थे। फिर मैंने कुत्तों से जुड़ा वीडियो देखना शुरू किया। लिहाजा, कुछ ही दिनों में मेरा फीड उनसे (कुत्तों से) संबंधित पोस्ट से भर गया। इसके बाद मुझे एहसास हुआ कि मुझे भी एक पालतू जानवर चाहिए। फिर मैं ‘नोह’ को घर ले आया। ‘नोह’ एक बेबी है, जो मुझे कोविड के दौरान मिला और उसने निश्चित रूप से मुझे बचाया है।”
करण, ‘नोह’ को एक पालतू जानवर से कहीं बढ़कर मानते हैं – वह उनका सबसे अच्छा दोस्त और साथी भी है। उन्होंने कहा, “मैंने कभी नहीं सोचा था कि मेरे पास कोई पालतू जानवर होगा और अब मैं उसके बिना अपने जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकता। वह मेरा सबसे अच्छा दोस्त, मेरी कंफर्ट और खुशी है। मेरी मां यहां उससे मिलने आती है। नोह उनकी बातें सुनता है और दोनों के बीच अच्छी बॉन्डिंग है। वह रात में उसे लोरियां भी सुनाती हैं।“
अभिनेता का मानना है कि पालतू जानवर को गोद लेना जीवन बदलने वाला अनुभव है और वह लोगों को घर में पालतू जानवर लाने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।
अभिनेता ने बताया कि ‘नोह’ की वजह से उन्हें अपने घर पर ठीक से रहे काफी दिन हो गए हैं। उन्होंने कहा, “मुझे दिल्ली में अपने घर पर ठीक से रहते हुए ढाई साल हो गए हैं। मैं सुबह जाता हूं और रात को वापस आता हूं क्योंकि मुझे पता है कि ‘नोह’ मेरा इंतजार करता है।“

 
													
 
											 
											 
											 
											 
											