कारगिल विजय दिवस की 26वीं वर्षगांठ आज धर्मशाला स्थित युद्ध स्मारक पर एक भव्य राज्यस्तरीय समारोह में पूरे गौरव के साथ मनाई गई। स्वास्थ्य मंत्री कर्नल (डॉ.) धनी राम शांडिल ने कारगिल युद्ध में शहीद हुए सैनिकों को पुष्पांजलि अर्पित की। पुलिस द्वारा दी गई (शस्त्र) तोपों की सलामी के बाद, मंत्री ने अमर जवान ज्योति पर ज्योति प्रज्वलित की।
कर्नल शांडिल (सेवानिवृत्त) ने युद्ध स्मारक के मामलों में गहरी रुचि ली और इसके रखरखाव व विस्तार से जुड़ी समस्याओं पर गहन विचार-विमर्श किया। उन्होंने हमारे “सुरक्षित कल” के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले सैनिकों को समर्पित इस स्मारक के रखरखाव के लिए स्मारक प्रबंधन की सराहना की। उन्होंने युद्ध स्मारक के मामलों का प्रबंधन करने वाली संस्था को अपना पूर्ण सहयोग देने का आश्वासन दिया।
इसके बाद, मंत्री महोदय युद्ध संग्रहालय की ओर बढ़े, जहां 1999 के कारगिल युद्ध के दौरान अपने प्राणों की आहुति देने वाले सैनिकों की वीर नारियों को सम्मानित करने के लिए पहली बार एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें उनके वीरतापूर्ण योगदान का जोरदार ढंग से उल्लेख किया गया।
कर्नल शांडिल (सेवानिवृत्त) ने विभिन्न युद्धों में एक सैनिक के रूप में अपने अनुभवों का विस्तृत उल्लेख किया। उन्होंने जनता से अपील की कि वे शहीदों की स्मृति में समर्पित इन स्थलों को पूजा स्थलों की तरह मानें और उनके पवित्रीकरण में योगदान दें। उन्होंने एक पंक्ति याद की, “जब तुम घर जाओ, तो उन्हें हमारे बारे में बताना और कहना कि तुम्हारे कल के लिए, हमने अपना आज दे दिया।”
इस समारोह में हाथों में तिरंगा लिए पूर्व सैनिकों, पूर्व सैनिकों और स्कूल-कॉलेज के छात्रों सहित एक बड़ी भीड़ मौजूद थी। इस अवसर पर कांगड़ा के उपायुक्त, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, योल के स्टेशन कमांडर, योल और धर्मशाला के एडमिरल कमांडेंट, नागरिक प्रशासन के अन्य अधिकारी और स्थानीय नेता भी मौजूद थे।
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