चंडीगढ़, 15 जुलाई, 2025 – हरियाणा के शहरी स्थानीय निकाय मंत्री विपुल गोयल ने कहा कि स्वच्छता के क्षेत्र में राज्य ने एक गौरवपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। स्वच्छ सर्वेक्षण 2024-25 में करनाल और सोनीपत को राष्ट्रीय सम्मान के लिए चुना गया है।
पुरस्कार समारोह 17 जुलाई को नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में आयोजित होगा। राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू और केंद्रीय आवास एवं शहरी कार्य मंत्री श्री मनोहर लाल विभिन्न श्रेणियों में पुरस्कार प्रदान करेंगे। हरियाणा का प्रतिनिधित्व मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी और शहरी स्थानीय निकाय मंत्री श्री विपुल गोयल करेंगे। शहरी स्थानीय निकाय मंत्री श्री विपुल गोयल ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
गोयल ने कहा कि करनाल ने देश के शीर्ष 15 सबसे स्वच्छ शहरों में स्थान प्राप्त किया है, जो पूरे राज्य के लिए गौरव की बात है। सोनीपत को स्वच्छता के लिए प्रतिष्ठित मंत्री पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा।
ये मान्यताएं प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के स्वच्छ भारत मिशन के विजन को आगे बढ़ाने में हरियाणा सरकार की निरंतर प्रतिबद्धता और अभिनव प्रयासों को दर्शाती हैं।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और शहरी स्थानीय निकाय मंत्री विपुल गोयल के नेतृत्व में राज्य ने स्वच्छता अभियान को प्रभावी बनाने के लिए जन जागरूकता, नई तकनीक के उपयोग और मजबूत जमीनी क्रियान्वयन पर ध्यान केंद्रित किया है।
हाल ही में 2025-26 के लिए राज्य बजट में, सभी नगर पालिकाओं और परिषदों को आधुनिक मशीनों जैसे वैक्यूम सकर, ट्री ट्रिमर, श्रेडिंग मशीन, स्वीपिंग वाहन, पैचवर्क मशीन और पानी छिड़काव इकाइयों से लैस करने की योजना बनाई गई थी। इन उपकरणों के उचित उपयोग ने हरियाणा में स्वच्छता मानकों को बेहतर बनाने में बड़ी भूमिका निभाई है।
पिछले 10 वर्षों में, हरियाणा ने 75 पुराने डंपिंग ग्राउंडों से निकले 101 लाख मीट्रिक टन कचरे में से लगभग 69 लाख मीट्रिक टन कचरे का वैज्ञानिक तरीके से प्रसंस्करण किया है। इसके माध्यम से, 109 एकड़ भूमि को पुनः प्राप्त किया गया है और अब उसे हरित क्षेत्रों, पार्कों और सामुदायिक स्थलों के रूप में विकसित किया जा रहा है।
गोयल ने हाल ही में वाराणसी में एनटीपीसी के ग्रीन कोल प्लांट का दौरा किया। इस मॉडल से प्रेरित होकर, उन्होंने कहा कि राज्य सरकार हरियाणा में भी इसी तरह के प्लांट लगाने की योजना बना रही है।
ये सुविधाएं फरीदाबाद और गुरुग्राम जैसे शहरों से प्रतिदिन निकलने वाले ठोस कचरे को 400-500 टन हरित कोयले में बदलने में मदद करेंगी, जिससे बेहतर अपशिष्ट प्रबंधन, पर्यावरण संरक्षण और ऊर्जा नवाचार को बढ़ावा मिलेगा।