करनाल, 27 जुलाई हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन की मांगों को लेकर सरकार और हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन के बीच गतिरोध जारी रहने के बीच सरकारी डॉक्टरों की हड़ताल शुक्रवार को दूसरे दिन भी जारी रही।
इसके कारण स्वास्थ्य विभाग को करनाल के सिविल अस्पताल में ओपीडी और अन्य सेवाएं चलाने के लिए कल्पना चावला राजकीय मेडिकल कॉलेज (केसीजीएमसी) से डॉक्टरों को तैनात करना पड़ा।
इसके अलावा, सात परामर्शदाता, नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई (एनआईसीयू) के दो डॉक्टर, आयुष के आठ डॉक्टर और चार सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी पिछले दो दिनों से इस संकट से निपटने के लिए काम कर रहे हैं।
इस प्रयास से सिविल अस्पताल में आने वाले मरीजों को कुछ राहत मिली है, लेकिन कई मरीज अपने नियमित डॉक्टरों को ढूंढते नजर आए।
हालांकि, ये प्रयास केवल शहरी क्षेत्रों के लिए हैं, जबकि हड़ताल के कारण ग्रामीण क्षेत्रों के अस्पताल बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। इलाके के निवासी राजपाल ने बताया, “मैं कुंजपुरा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गया था, लेकिन बिना जांच कराए ही लौटना पड़ा। आखिरकार मुझे करनाल के एक निजी अस्पताल में जाना पड़ा।”
जिले में तीन उपमंडलीय अस्पताल हैं, जिनमें इंद्री, असंध और नीलोखेड़ी में एक-एक अस्पताल, आठ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और 25 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हैं। डॉक्टरों की हड़ताल के कारण इन इलाकों के निवासियों को या तो करनाल जाना पड़ रहा है या फिर वे अपने इलाके के निजी डॉक्टरों पर निर्भर हैं।
एचसीएमएस एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष डॉ. संदीप अबरोल ने कहा, “जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं हो जातीं, हम काम पर नहीं लौटेंगे।”
सिविल सर्जन डॉ. कृष्ण कुमार ने कहा कि आर्थोपेडिशियन, स्त्री रोग विशेषज्ञ, ईएनटी विशेषज्ञ, नेत्र विशेषज्ञ, एनेस्थेटिस्ट, बाल रोग विशेषज्ञ, सर्जन और फिजीशियन सहित नौ विशेषज्ञों को उनके एमबीबीएस प्रशिक्षुओं के साथ तैनात किया गया है, साथ ही सात परामर्शदाता, नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई (एनआईसीयू) के दो डॉक्टर, आयुष के आठ डॉक्टर और चार सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी भी तैनात किए गए हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित न हों।
केसीजीएमसी के निदेशक डॉ. एमके गर्ग ने जिला नागरिक अस्पताल को नौ विशेषज्ञ उपलब्ध कराकर अपने सहयोग की पुष्टि की।