दयाल सिंह पब्लिक स्कूल की मुख्य शाखा के 12 छात्रों और दो अध्यापकों को नासा के अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय खोज सहयोग (आईएएससी) द्वारा मुख्य बेल्ट क्षुद्रग्रह टीडी40 की अनंतिम खोज के लिए मान्यता दी गई है, जिसकी जानकारी पैन-स्टार्स टेलीस्कोप द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों में मिली है।
ग्यारहवीं कक्षा की छात्रा दीक्षा और उसके 11 साथियों को उनके प्रयासों के लिए IASC से प्रमाण पत्र प्राप्त हुए। प्रिंसिपल सुषमा देवगन और डॉ. कावेरी चौहान के मार्गदर्शन में टीम ने 11 निकट-पृथ्वी वस्तुओं की खोज की और उन्हें पंजीकृत किया। दीक्षा द्वारा खोजी गई इन वस्तुओं में से एक को IASC द्वारा आधिकारिक तौर पर मुख्य बेल्ट क्षुद्रग्रह के रूप में मान्यता दी गई है।
पिछले सप्ताह स्कूल में विद्यार्थियों और शिक्षकों के सम्मान में एक विशेष समारोह आयोजित किया गया था। इस समारोह में मुख्य अतिथि केंद्रीय मृदा लवणता अनुसंधान संस्थान (सीएसएसआरआई), करनाल के प्रधान वैज्ञानिक (सेवानिवृत्त) डॉ. एसके कामरा थे, उनके साथ डॉ. नमस्ते सेन, डॉ. चंद्रकांता, डॉ. गिरीश, विवेक अरोड़ा और पूर्व छात्र डॉ. रॉबिन जुनेजा, डॉ. साहिल अरोड़ा, डॉ. रितेश नंदवानी और अधिवक्ता राजिंदर मोहन शर्मा भी मौजूद थे।
प्रिंसिपल सुषमा देवगन ने टीम की उपलब्धि पर गर्व व्यक्त करते हुए छात्रों, अभिभावकों और स्टाफ को बधाई दी। उन्होंने बताया कि इस मान्यता ने किस तरह से छात्रों में गर्व की भावना पैदा की है और उन्हें विज्ञान और शिक्षा में नए अवसरों की तलाश करने के लिए प्रेरित किया है।