भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कर्नाटक के तुमकुर शहर में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के खिलाफ जोरदार विरोध-प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन तुमकुर के विधायक जीबी. ज्योति गणेश के नेतृत्व में हुआ, जिन्होंने सरकार की तीन नीतियों पर सवाल उठाए। प्रदर्शन के बाद भाजपा ने जिला कलेक्टर (डीसी) कार्यालय में एक ज्ञापन सौंपा।
ज्योति गणेश ने पत्रकारों से बातचीत में बताया कि विरोध का पहला कारण सरकार का अल्पसंख्यकों के लिए 4 फीसदी के आरक्षण का फैसला है।
उनका कहना था कि यह कर्नाटक ट्रांसपेरेंसी इन पब्लिक प्रोक्योरमेंट (केटीपीपी) अधिनियम के तहत किया गया बदलाव संविधान के खिलाफ है। दूसरी बड़ी चिंता अनुसूचित जनजाति (एसटी) और दलित समुदायों के लिए तय राशि को अन्य योजनाओं में डायवर्ट करना है।
उन्होंने कहा, “संविधान के तहत अनुसूचित जाति उप-योजना (एससीपी) और जनजातीय उप-योजना (टीएसपी) के लिए 24.1 फीसदी धन आरक्षित है, लेकिन कांग्रेस सरकार ने इसे अपनी गारंटी योजनाओं और पार्टी के निजी एजेंडे के लिए इस्तेमाल किया। तीसरा मुद्दा 18 भाजपा विधायकों का निलंबन है, जिसे पार्टी अन्यायपूर्ण मानती है।”
ज्योति गणेश ने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने ये फैसले वापस नहीं लिए तो विरोध तेज होगा। उन्होंने मांग की कि 4 फीसदी आरक्षण का विधेयक रद्द हो, निलंबित विधायकों की बहाली हो और एससीपी-टीएसपी की पूरी राशि वापस इन समुदायों के लिए इस्तेमाल हो।
इसके अलावा, उन्होंने सनसनीखेज आरोप लगाया कि सिद्धारमैया मंत्रिमंडल के एक मंत्री ने विधानसभा में दावा किया था कि उनकी ही पार्टी का कोई बड़ा नेता हनी ट्रैप जैसे आपराधिक कांड में शामिल है, जिसमें मंत्री, नौकरशाह और जजों के नाम भी जुड़े हैं।
भाजपा का कहना है कि कांग्रेस की नीतियां, परिवारवाद और अल्पसंख्यक आरक्षण जैसे फैसले राज्य में अराजकता फैला रहे हैं। पार्टी ने इसे “संवैधानिक उल्लंघन” करार देते हुए सरकार पर दलितों और आदिवासियों के हक छीनने का आरोप लगाया।
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