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कर्नाटक कांग्रेस विवाद: मंत्री जमीर खान बोले- सीएम सिद्धारमैया को हटाने की हिम्मत किसमें है?

Karnataka Congress controversy: Minister Zameer Khan said – who has the courage to remove CM Siddaramaiah?

कांग्रेस में आंतरिक कलह दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। आवास एवं वक्फ मंत्री बीजेड जमीर अहमद खान ने सवाल उठाया कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को हटाने का साहस किसमें है। सूत्रों के मुताबिक, जमीर अहमद खान सीएम के करीबी सहयोगी हैं और उनकी ये टिप्पणी सिद्धारमैया के खेमे की भावना को दर्शाती है।

खान ने बेलगावी में पत्रकारों से बात करते हुए सीएम सिद्धारमैया के बेटे यतींद्र के उस विवादास्पद बयान के बारे में पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए यह बयान दिया कि हाईकमान ने किसी भी नेतृत्व परिवर्तन की संभावना से इनकार कर दिया है। उन्‍होंने कहा कि यतींद्र ने अपनी निजी राय व्यक्त की है। अब इस चर्चा को क्यों उठाया जा रहा है? ऐसी चर्चाएं तभी होनी चाहिए जब मुख्यमंत्री का पद खाली हो। यह सब कोरी अटकलें हैं। क्या किसी में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को बदलने का साहस है? अगर किसी के पास यह अधिकार है, तो वह केवल हाईकमान के पास है।

मंत्री खान ने आगे कहा कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार दोनों ने बार-बार कहा है कि वे हाईकमान के फैसले का पालन करेंगे, और इस बात पर जोर दिया कि केवल हाईकमान ही कोई भी बदलाव कर सकता है। जब उनसे पूछा गया कि क्या सिद्धारमैया पूरे कार्यकाल तक मुख्यमंत्री बने रहेंगे, तो उन्होंने जवाब दिया कि सिद्धारमैया 2028 तक मुख्यमंत्री रहेंगे। यह मेरी निजी राय है।

इस बीच, वाल्मीकि पीठ के प्रसन्नानन्द स्वामीजी ने कहा कि उन्हें खान के पद पर बने रहने पर कोई आपत्ति नहीं है। उन्होंने कहा कि यदि कोई बदलाव किया जाता है, तो किसी दलित नेता को अगला मुख्यमंत्री नियुक्त किया जाना चाहिए, क्योंकि कांग्रेस में कई सक्षम दलित नेता हैं। उन्होंने आगे कहा कि समुदाय सिद्धारमैया के साथ मजबूती से खड़ा है और इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि मुख्यमंत्री कौन बनता है।

दूसरी ओर, इडिगा मठ के प्रणवानंद स्वामीजी ने कहा कि उपमुख्यमंत्री शिवकुमार को मुख्यमंत्री बनना चाहिए। अगर ऐसा नहीं हुआ तो कर्नाटक में कांग्रेस का सफाया हो जाएगा। सूत्रों के मुताबिक, कर्नाटक में पार्टी के आंतरिक कलह से जुड़े हालिया घटनाक्रमों के बाद कांग्रेस हाईकमान पर एक बार फिर दबाव बढ़ गया है। बेलगावी शीतकालीन विधानसभा सत्र से पहले मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री शिवकुमार द्वारा आयोजित नाश्ते की बैठकों के बाद हाईकमान ने कुछ समय के लिए राहत की सांस ली थी।

हालांकि, दोनों पक्षों से आए नए बयानों – विशेष रूप से सिद्धारमैया के बेटे यतींद्र के बयान, जिन्होंने दावा किया कि उनके पिता कार्यकाल पूरा करेंगे और हाईकमान ने शिवकुमार की मुख्यमंत्री बनने की मांग को खारिज कर दिया है – ने सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी के भीतर आंतरिक कलह की अटकलों को फिर से हवा दे दी है।

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