कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने शनिवार को कहा कि जीएसटी संग्रह कम होने के कारण इस साल लगभग 12,000 करोड़ रुपए के नुकसान होने की आशंका है।
मुख्यमंत्री ने हासन में मीडिया से बात करते हुए कहा कि हमने 1,26,000 करोड़ रुपए के कर संग्रह का अनुमान लगाया था। लेकिन इसमें 12,000 करोड़ रुपए की कमी होगी और 88,000 करोड़ रुपए तक पहुंचना भी मुश्किल होगा क्योंकि जीएसटी संग्रह कम हुआ है।
अहिंदा समुदायों के लिए उनके (सिद्धारमैया) योगदान पर सवाल उठाने के लिए केंद्रीय मंत्री एचडी कुमारस्वामी पर हमला करते हुए मुख्यमंत्री ने पूछा कि कुमारस्वामी ऐसी बातों पर सवाल क्यों नहीं उठा रहे हैं, जबकि वह मांड्या से सांसद हैं।
मैंने अहिंदा के लिए क्या किया, यह पूछने के बजाय, क्या उन्होंने कभी संसद में जीएसटी संग्रह के बारे में बात की है?
मुख्यमंत्री ने कहा कि कर्नाटक को सितंबर और नवंबर 2025 के बीच जीएसटी रेवेन्यू में नुकसान हुआ है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2017 में जीएसटी लागू किया था। तब से जनता से कर वसूला जा रहा है। अब, वित्तीय वर्ष के बीच में जीएसटी दरों को कम करके, केंद्र सरकार ने राज्यों के रेवेन्यू को नुकसान पहुंचाया है। केरल, महाराष्ट्र और कर्नाटक को छोड़कर, अन्य सभी राज्यों में भी जीएसटी संग्रह में गिरावट दर्ज की गई है।
उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री कुमारस्वामी ने इस राजस्व नुकसान के बारे में आवाज नहीं उठाई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्रीय वित्त मंत्री ने बजट में अपर भद्रा परियोजना के लिए 5,300 करोड़ रुपए की घोषणा की थी। पिछली राज्य सरकार ने भी अपने बजट में इसका जिक्र किया था। लेकिन केंद्र ने अभी तक धनराशि जारी नहीं की है।
उन्होंने कहा कि कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकरण केंद्र सरकार के अधीन है, जिसे अभी तक एक महत्वपूर्ण राज्य परियोजना को मंजूरी नहीं दी है।
उन्होंने कहा कि यह मांड्या के लोगों के साथ अन्याय है।
मुख्यमंत्री ने यह भी दावा किया कि राज्य सरकार ने गारंटी योजनाओं पर 1,08,135 करोड़ रुपए खर्च किए हैं और इसका लाभ बिना किसी बिचौलिए के सीधे लाभार्थियों के खातों में ट्रांसफर किया गया है। उन्होंने याद दिलाया कि प्रधानमंत्री मोदी ने पहले दावा किया था कि गारंटी योजनाओं को लागू करना असंभव है और अगर इन्हें लागू किया गया तो कर्नाटक दिवालिया हो जाएगा। लेकिन हमने उन्हें लागू किया।
अहिंदा समुदायों में उनके योगदान पर सवाल उठाने वाले केंद्रीय मंत्री एचडी कुमारस्वामी की आलोचना का जवाब देते हुए सिद्धारमैया ने दावा किया कि उन्होंने अहिंदा समुदायों के संगठन में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
उन्होंने यह भी मांग की कि कुमारस्वामी यह साफ करें कि उन्होंने मांड्या क्षेत्र के लिए क्या योगदान दिया है। वे इस क्षेत्र का लोकसभा में प्रतिनिधित्व करते हैं। अहिंदा का मतलब अल्पसंख्यकों, पिछड़े वर्गों और दलितों का गठबंधन है।
सिद्धारमैया ने कहा कि उन्होंने अहिंदा समुदायों को संगठित करने में अहम भूमिका निभाई है और उन्होंने मजदूरों, गरीबों, दलितों, अल्पसंख्यकों और महिला सशक्तिकरण के लिए कई गारंटी योजनाएं और कल्याणकारी कार्यक्रम शुरू किए हैं।
उन्होंने पूछा कि कुमारस्वामी सिर्फ एक किसान परिवार से हैं, खेती करने वाले समुदाय के लिए उनका असल में क्या योगदान है?
महिलाओं के आरक्षण को लागू करने में देरी पर सुप्रीम कोर्ट की चिंता का जिक्र करते हुए सिद्धारमैया ने कहा कि हमारी सरकार शुरू से ही संसद और विधानमंडल में महिलाओं के आरक्षण की मांग करने में सबसे आगे रही है। आरक्षण तुरंत दिया जाना चाहिए तो केंद्र सरकार इसमें देरी क्यों कर रहा है?
उन्होंने कहा कि सरकार पारदर्शी है। विपक्ष अविश्वास प्रस्ताव लाए। हम इसका सामना करने के लिए तैयार हैं। हमारी सरकार एक खुली किताब की तरह है। हम हर चीज का सामना करने के लिए तैयार हैं।
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