शिमला जिले के रोहड़ू के अंतर्गत आने वाली करासा ग्राम पंचायत के प्रधान को महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (एमजीएनआरईजीए) और 15वें वित्त आयोग के तहत किए जा रहे विकास कार्यों में कथित अनियमितताओं के लिए निलंबित कर दिया गया है।
शिमला के उपायुक्त अनुपम कश्यप ने ड्यूटी में लापरवाही बरतने के आरोप में हिमाचल प्रदेश पंचायती राज अधिनियम, 1994 की धारा 145 (1) (सी) के तहत प्रधान को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। साथ ही उन्होंने पंचायती सचिव को पंचायत से संबंधित सभी रिकॉर्ड, स्टोर, स्टॉक आदि सौंपने को कहा है।
स्थानीय निवासी ने प्रधान के खिलाफ खंड विकास अधिकारी रोहड़ू को लिखित शिकायत की थी। शिकायत के बाद प्रारंभिक जांच की गई, जिसमें 2020 से 2024 तक कराए गए विकास कार्यों में अनियमितताएं पाई गईं। 1 जुलाई 2024 को प्रधान को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया।
4 जुलाई 2024 को प्रधान ने अपना जवाब दाखिल किया। इसके बाद प्रधान द्वारा दाखिल जवाब की पंचायत के अभिलेखों से जांच की गई। जांच में फर्जी बिल, सामान की खरीद में अनियमितता, कार्यों का बजट ट्रांसफर करना, अधूरे कार्य, मजदूरों के खाते में सीधे मजदूरी ट्रांसफर न करना, बिना कोटेशन के एक ही व्यक्ति को काम आवंटित करना, बिना बजट के अधिक काम कराना, बिना तकनीकी अनुमति के काम कराना आदि अनियमितताएं सामने आईं
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