कठुआ, 10 अगस्त । जम्मू कश्मीर के कठुआ में हाल ही में देखे गए संदिग्ध आतंकवादियों के खिलाफ अभियान चलाते हुए कठुआ पुलिस ने 4 आतंकवादियों के स्केच जारी किए हैं। इन आतंकियों को आखिरी बार मल्हार, बानी और सियोजधार के ढोक क्षेत्रों में देखा गया था। पुलिस ने जनता से अपील की है कि अगर इन आतंकवादियों के बारे में कोई जानकारी मिले, तो तुरंत पुलिस को सूचित किया जाए।
प्रत्येक आतंकवादी के बारे में कार्रवाई योग्य सूचना देने पर 5 लाख रुपये का इनाम रखा गया है। इसके अलावा, जिन लोगों के पास इन आतंकवादियों के बारे में विश्वसनीय जानकारी है, उन्हें भी उचित पुरस्कार देने का वादा किया गया है।
कठुआ पुलिस ने सुरक्षा बढ़ा दी है और इन आतंकवादियों की खोज में व्यापक अभियान शुरू किया है। पुलिस ने जनता से अपील की है कि वे सतर्क रहें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत साझा करें।
इन चारों आतंकवादियों की गतिविधियों को लेकर सुरक्षा एजेंसियां काफी समय से चौकन्नी थीं। उन्हें घाटी के कुछ संवेदनशील इलाकों में देखा गया था, जहां उनकी संदिग्ध गतिविधियों के बारे में स्थानीय लोगों ने पुलिस को सूचित किया। इसके बाद कठुआ पुलिस ने तेजी से कार्रवाई करते हुए इन संदिग्धों के स्केच तैयार किए और उन्हें सार्वजनिक किया।
इस समय पुलिस और सुरक्षा बलों ने इलाके में तलाशी अभियान तेज कर दिया है और संवेदनशील स्थानों पर चौकसी बढ़ा दी गई है। पुलिस ने लोगों से अनुरोध किया है कि वे किसी भी संदिग्ध गतिविधि या व्यक्तियों के बारे में तुरंत पुलिस को सूचित करें, ताकि समय रहते कार्रवाई की जा सके और आतंकवादियों को गिरफ्तार किया जा सके।
इस कदम का उद्देश्य आतंकवादियों को पकड़ना और इलाके में शांति और सुरक्षा बनाए रखना है। इनाम की घोषणा से उम्मीद की जा रही है कि इससे आतंकवादियों के बारे में महत्वपूर्ण सुराग मिलने में मदद मिलेगी।
बता दें कि 10 जुलाई को कठुआ कस्बे से बदनोटा गांव में सेना के वाहन पर आतंकवादियों ने घात लगाकर हमला किया था जिसमें चार सैनिक और एक स्थानीय पुलिसकर्मी सहित पांच सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए थे।राजौरी, पुंछ, डोडा, कठुआ, रियासी और उधमपुर सहित जम्मू संभाग के पहाड़ी जिलों में 40 कट्टर विदेशी आतंकवादियों की मौजूदगी की सेना को सूचना मिली थी। सेना ने शांतिपूर्ण जम्मू संभाग से आतंकवाद को खत्म करने के लिए 4,000 से अधिक सैनिकों को तैनात किया है, जिनमें शीर्ष पैरा कमांडो और जंगल युद्ध में प्रशिक्षित सैनिक शामिल हैं।
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