एनसीपी (एसपी) के नेता जितेंद्र आव्हाड के सनातन पर दिए गए बयान पर बवाल बढ़ता जा रहा है। इसको लेकर शिवसेना प्रवक्ता संजय निरुपम ने प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा कि सनातन परंपरा नहीं होती तो हिंदू धर्म नहीं होता।
संजय निरुपम ने आईएएनएस से बातचीत के दौरान कहा कि सनातन धर्म ने हिंदू धर्म को बर्बाद नहीं किया। अगर सनातन परंपरा के लोग नहीं होते तो आज देश में हिंदू धर्म नहीं होता। हिंदू धर्म भारत की संस्कृति और सनातन परंपरा का मूल है।
उन्होंने कहा कि जितेंद्र आव्हाड जैसे नेता सनातन धर्म का अपमान कर रहे हैं, जो दुर्भाग्यपूर्ण है। भारत पर हजार वर्षों तक आक्रमण होते रहे, जबरदस्ती धर्मांतरण और धार्मिक आधार पर विस्तार की कोशिशें हुईं। इस्लाम और ईसाई धर्म के विस्तार के बावजूद हिंदुस्तान की सनातन परंपरा जीवित रही, क्योंकि इस देश ने मर्यादा और संस्कृति को सहेज कर रखा। सनातन धर्म कोई नया विचार नहीं, बल्कि हजारों वर्षों से चली आ रही परंपरा है। सच यह है कि सनातन धर्म के लोगों ने देश में हिंदू व्यवस्था और हिंदू धर्म की रक्षा के लिए अपना सबकुछ न्योछावर कर दिया।
निरुपम ने कहा कि कांग्रेस ने सत्ता में रहते हुए आरएसएस और भाजपा को बदनाम करने के लिए ‘भगवा आतंकवाद’ जैसे शब्द गढ़े। मालेगांव विस्फोट मामले में आरएसएस और भाजपा से जुड़े निर्दोष लोगों को षड्यंत्र के तहत फंसाया गया। अब 17 साल बाद एनआईए कोर्ट ने सभी को निर्दोष बताया है। यह साबित करता है कि पूरा ‘भगवा आतंकवाद’ का नैरेटिव राजनीतिक था। इसके लिए कांग्रेस को देश से माफी मांगनी चाहिए।
निरुपम ने आगे कहा कि साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर सही कहती हैं कि आतंकवाद का कोई धर्म या रंग नहीं होता। कांग्रेस ने भगवा को बदनाम किया, जिस भगवा को देश पूजता है। अब वही बात उनके लिए शर्मनाक साबित हो रही है।