चेन्नई, 8 फरवरी । मद्रास उच्च न्यायालय की मदुरै खंडपीठ ने केंद्र को नोटिस जारी कर एएसआई को तमिलनाडु के शिवगंगा जिले में कीलाडी पुरातात्विक खुदाई के पहले दो चरणों के बाद उसे सौंपी गई रिपोर्ट प्रकाशित करने का निर्देश दिया है।
न्यायमूर्ति डी. कृष्णकुमार और न्यायमूर्ति आर. विजयकुमार की खंडपीठ ने बुधवार को मदुरै के पी. प्रभाकर पांडियन द्वारा दायर याचिका पर केंद्र को नोटिस जारी किया।
गौरतलब है कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के अधीक्षण पुरातत्वविद् अमरनाथ के.रामकृष्णन ने 2023 में एएसआई के तत्कालीन महानिदेशक को खुदाई के पहले दो चरणों के निष्कर्षों पर 982 पेज की रिपोर्ट सौंपी थी।
जनहित याचिका (पीआईएल) दायर करने वाले प्रभाकर पांडियन ने कहा कि पुरातात्विक खुदाई के चरण एक और चरण दो के दौरान कीलाडी में लगभग 5,800 कलाकृतियों का पता चला था।
एएसआई ने यह भी कहा कि तीसरे चरण की खुदाई में कोई महत्वपूर्ण निष्कर्ष नहीं निकला और तमिलनाडु राज्य पुरातत्व विभाग ने चौथे चरण से खुदाई शुरू की है और अब तक नौ चरण पूरे हो चुके हैं।
याचिका में कहा गया है कि कीलाडी में कई महत्वपूर्ण खोज की गई हैं और इससे संगम काल के दौरान क्षेत्र में प्रचलित समृद्ध संस्कृति पर प्रकाश पड़ेगा।
याचिकाकर्ता ने यह भी कहा कि तमिलनाडु में राजनीतिक नेताओं, इतिहासकारों, शिक्षाविदों, शोधकर्ताओं, पुरातात्विक और तमिल उत्साही सहित सभी वर्गों के लोग 982 पेज की रिपोर्ट के प्रकाशन में देरी का कारण पूछ रहे हैं।
उन्होंने एएसआई को सार्वजनिक डोमेन में रिपोर्ट प्रकाशित करने का निर्देश देने की भी मांग की।
अदालत ने नोटिस का आदेश दिया और मामले में सुनवाई चार सप्ताह के लिए स्थगित कर दी।
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