तिरुवनंतपुरम, 1 जुलाई । मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के राष्ट्रीय नेतृत्व ने लोकसभा चुनावों में पार्टी की हालिया हार के लिए मुख्यमंत्री पिनराई विजयन को जिम्मेदार ठहराया है।
राष्ट्रीय नेतृत्व ने केरल इकाई के उस स्पष्टीकरण को खारिज कर दिया है जिसमें कहा गया था कि सांप्रदायिक वोटों के एकजुट होने, केंद्र द्वारा राज्य के वित्त को बाधित करने और देश के अन्य भागों में माकपा का कांग्रेस के साथ गठबंधन होने का खामियाजा केरल में पार्टी को भुगतना पड़ा।
राज्य में सत्तारूढ़ होने के बावजूद माकपा केरल में 20 लोकसभा सीटों में से केवल एक जीत सकी थी।
रविवार को समाप्त हुई पार्टी की तीन दिवसीय राष्ट्रीय बैठक में थॉमस आइजैक जैसे केरल के नेताओं के एक वर्ग ने हार के वास्तविक कारणों की ओर इशारा किया। हालांकि एलामारम करीम जैसे कुछ अन्य नेता सीएम विजयन का बचाव करते नजर आए।
राष्ट्रीय नेतृत्व ने सभी स्पष्टीकरणों को सिरे से खारिज कर दिया।
अब यह कहा जा रहा है कि केंद्रीय नेतृत्व केरल जाएगा और राज्य के लोगों का विश्वास जीतने के लिए रणनीति तैयार करने के साथ पार्टी के सभी स्तरों पर बातचीत शुरू करेगा।
लोकसभा चुनाव के नतीजों के तुरंत बाद राज्य स्तरीय समितियों ने मुख्यमंत्री विजयन के प्रति नरम रुख अपनाया, लेकिन 14 जिला समितियों में से अधिकांश ने उन पर और उनकी बेटी से जुड़े घोटालों पर सवाल उठाएं।
वहीं, कन्नूर जिले के बाहर राज्य में नेतृत्व का एक वर्ग भी नाराज है, क्योंकि वर्तमान में मुख्यमंत्री, राज्य सचिव और वाम संयोजक तीनों ही प्रमुख पद कन्नूर के नेताओं के पास हैं।
इस बीच 79 वर्षीय विजयन की तबीयत खराब होने के चलते उनकी जगह पर नए नेता की तलाश शुरू हो गई है।
जिन नामों की चर्चा चल रही है, उनमें राज्य सचिव एम.वी. गोविंदन का नाम भी शामिल है, जबकि आइजैक थॉमस को नया राज्य सचिव बनाने की चर्चा है।
बता दें कि केरल मंत्रिमंडल में फेरबदल पर भी विचार किया जा रहा है।
अब सभी की निगाहें राष्ट्रीय नेतृत्व पर टिकी हैं, जो मुख्यमंत्री विजयन के सत्ता संभालने के बाद पहली बार निगरानीकर्ता की भूमिका निभाएगा।