तिरुवनंतपुरम, 18 जनवरी । केरल में सहकारी बैंकों में घोटालों में सीपीआई (एम) पार्टी के सदस्यों की संलिप्तता की रिपोर्टों से आहत पार्टी ने क्षति नियंत्रण के उपाय शुरू कर दिए हैं।
जमीनी स्तर पर स्थानीय समिति के सभी सदस्यों को एक नोटिस में, पार्टी ने कहा है कि यदि उनमें से किसी ने सहकारी बैंकों से ऋण लिया है, तो तुरंत सभी विवरणों की एक सूची जमा करें।
नोटिस में यह भी जानकारी मांगी गई है कि क्या स्थानीय समिति के सदस्यों के परिवार द्वारा ऋण लिया गया है।
सदस्यों से ऋण की गारंटी और साथियों की पुनर्भुगतान क्षमता का वर्णन करने के लिए कहा गया है।
गौरतलब है कि हाल ही में राज्य भर में धोखाधड़ी के कई मामले सामने आए हैं और ऐसे कुछ सहकारी बैंकों में पार्टी के शीर्ष नेता एक से अधिक मौकों पर पूछताछ के लिए प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों के सामने पेश हुए हैं।
जिन लोगों से पहले ही पूछताछ की जा चुकी है उनमें पार्टी के वरिष्ठ विधायक और पूर्व राज्य मंत्री ए.सी. मोइदीन, एम.के. कन्नन, पार्टी के पूर्व विधायक और केरल बैंक के अध्यक्ष, त्रिशूर में पार्टी के जिला सचिव – एम.एम. वर्गीज शामिल हैं।
राज्य के सहकारिता मंत्री वी.एन. वासवन व सीपीआई (एम) के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि राज्य में सहकारी बैंकिंग क्षेत्र की केरल में बैंकिंग व्यवसाय में 40 प्रतिशत हिस्सेदारी है, जिसका जमा आधार 2.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक है और इसने 1.86 लाख करोड़ रुपये का ऋण दिया है।
इन सहकारी बैंकों में से अधिकांश पर स्थानीय स्तर पर सीपीआई (एम) का नियंत्रण है। इस समय केरल में दोनों कम्युनिस्ट पार्टियों के कुछ स्थानीय स्तर के नेता जेलों में बंद हैं।