तिरुवनंतपुरम, 5 फरवरी । कुछ समय पहले केरल में वामपंथियों ने उच्च शिक्षा क्षेत्र में किसी भी प्रकार के निजीकरण का विरोध किया था, लेकिन सोमवार को राज्य के वित्त मंत्री के.एन. बालगोपाल ने अपना लगातार चौथा बजट पेश करते हुए कहा कि निजी और विदेशी विश्वविद्यालयों के लिए अपने परिसर खोलने के दरवाजे खोल दिए गए हैं।
उन्होंने कहा कि इसके लिए पहले कदम के तौर पर देश के बाहर चार अंतरराष्ट्रीय शैक्षणिक सम्मेलन आयोजित किये जायेंगे।
इसके लिए, केरल के विशेषज्ञों और विदेशों में उच्च शिक्षा क्षेत्र में काम करने वाले लोगों को इस विचार को आगे बढ़ाने के लिए तैयार किया जाएगा।
इस विचार को तेजी से आगे बढ़ाने के लिए उच्च शिक्षा के क्षेत्र में विशेष पैकेज पेश किए जाएंगे।
बालगोपाल ने बताया कि ये सभी बदलाव केरल में विदेशी छात्रों को आकर्षित करने के अलावा उच्च अध्ययन के लिए विदेश जाने वाले यहां के छात्रों की मदद करने के लिए किए जा रहे हैं।
केरल में सीपीआई (एम) के नेतृत्व वाले वामपंथियों ने शिक्षा क्षेत्र में निजी क्षेत्र के प्रवेश का कड़ा विरोध किया था और जब 90 के दशक में के. करुणाकरण सरकार ने चिकित्सा क्षेत्र में कुछ व्यावसायिक पाठ्यक्रम खोलने की योजना बनाई थी और तब भी 2001 में ए.के.एंटनी के नेतृत्व वाली सरकार ने व्यावसायिक शिक्षा क्षेत्र को स्व-वित्तपोषण मोड में खोला, इसका भारी विरोध हुआ।
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