तिरुवनंतपुरम, सत्तारूढ़ माकपा के मुख्यालय एकेजी केंद्र पर विस्फोटक फेंक जाने के एक सप्ताह बीत जाने के बाद भी केरल पुलिस अंधेरे में तीर चला रही है। 2 जुलाई को रात करीब 11.30 बजे माकपा के राज्य मुख्यालय के परिसर की दीवार पर एक विस्फोटक फेंका गया था। पार्टी के नेता, पूर्व मंत्री और राज्य में लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ) के संयोजक ई.पी. जयराजन तुरंत मौके पर पहुंचे और आरोप लगाया कि पार्टी के राज्य मुख्यालय पर एक शक्तिशाली बम फेंका गया और यह कांग्रेसियों की करतूत है।
उनकी भाभी और पूर्व मंत्री पी.के. श्रीमती, जो एकेजी केंद्र में रह रही थीं, उन्होंने मीडिया से मुलाकात की और कहा कि उन्होंने एक जोरदार धमाका सुना और उसके झटके उस बहुमंजिला इमारत की तीसरी मंजिल पर भी महसूस किए गए, जहां वह कुछ साहित्य पढ़ रही थी।
माकपा कार्यकर्ताओं ने सड़कों पर उतरकर राज्यभर में कई कांग्रेस कार्यालयों में तोड़फोड़ की और कई हिंसक घटनाएं हुईं।
सीसीटीवी फुटेज से पता चला है कि दोपहिया वाहन पर सवार एक व्यक्ति ने विस्फोटक फेंका था और भागने में सफल रहा। हालांकि, वाहन की नंबर प्लेट स्पष्ट नहीं होने के कारण अपराधी की पहचान नहीं हो सकी है।
इस बीच, एक वैज्ञानिक जांच में पाया गया कि पार्टी मुख्यालय पर एक देशी बम फेंका गया, मगर विस्फोट हल्का था।
इसके बाद, जयराजन ने अपने बयान को वापस ले लिया कि कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने विस्फोटक फेंका था और कहा था कि यह किसी ऐसे व्यक्ति की करतूत हो सकती है जो कांग्रेसियों सहित सत्ताधारी पार्टी के खिलाफ था।
विपक्ष के नेता और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता वी.डी. सतीशन ने सीपीएम नेता के बयानों का कड़ा विरोध किया और कहा कि कांग्रेस में प्रतिद्वंद्वी राजनीतिक दलों के कार्यालयों पर हमला करने की संस्कृति कभी नहीं रही, जबकि वाम दल ही उस कला में उस्ताद थे।