October 13, 2025
National

केरल: मलप्पुरम में प्रवासी मजदूर परिवार के तीन सदस्य पाए गए मलेरिया पॉजिटिव, प्रशासन अलर्ट

Kerala: Three members of a migrant labourer’s family in Malappuram test malaria positive, administration on alert

मलप्पुरम जिले में रहने वाले प्रवासी मजदूर परिवार के तीन सदस्यों में सोमवार को मलेरिया की पुष्टि हुई है, जिसके बाद राज्य का स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है और उसने इस बीमारी की रोकथाम से जुड़े उपायों को लेकर अपने स्तर पर काम शुरू कर दिया है।

अधिकारियों ने पुष्टि की है कि चार दिन पहले ही उत्तर प्रदेश से वंदूर के अंबालापडी इलाके में पहुंचे इन लोगों में एक बच्चा और एक महिला भी शामिल हैं, जिनका परीक्षण वेक्टर जनित बीमारी के लिए पॉजिटिव आया है। पता चलने के बाद उन्हें वंदूर अस्पताल के एक पृथक वार्ड में भर्ती कराया गया है।

इस बीमारी का पता चलने के बाद स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों ने बीमारी के संभावित प्रसार को रोकने के लिए तत्काल कार्रवाई शुरू कर दी है। स्वास्थ्य निरीक्षकों और कनिष्ठ स्वास्थ्य निरीक्षकों सहित स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की संयुक्त टीमों ने आशा कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर वंदूर इलाके में घर-घर जाकर जागरूकता अभियान चलाया और मलेरिया की रोकथाम को लेकर पर्चे बांटे।

ये टीमें मच्छरों के प्रजनन के संभावित स्थानों, खासकर फेंके गए प्लास्टिक के सामान और गमलों में जमा पानी की पहचान कर रही हैं और निवासियों को मच्छरों के स्रोत को कम करने के तरीकों के बारे में सलाह दे रही हैं।

कनिष्ठ स्वास्थ्य निरीक्षक श्रीजीत जी ने कहा, “हमने क्षेत्र में तत्काल, व्यापक मलेरिया-रोधी गतिविधियां और जागरूकता अभियान शुरू किए हैं।” उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि मरीजों के हाल ही में दूसरे राज्य में जाने का इतिहास रहा है, जिससे इन मामलों को वर्तमान में ‘आयातित’ (बाहर के प्रदेश से आया) माना जा रहा है।

चिकित्सा विभाग, बुखार की निगरानी और रक्त के नमूने एकत्र करने के अभियान भी चला रहा है, खासकर प्रवासी कामगारों के बीच, ताकि आगे किसी भी मामले का तुरंत पता लगाया जा सके और उन्हें अलग किया जा सके।

मच्छरों के प्रजनन को नियंत्रित करने और अत्यधिक संवेदनशील क्षेत्र में स्थानीयकृत ट्रांसमिशन को रोकने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार, केरल ने पिछले एक दशक में मलेरिया के मामलों में निरंतर और तीव्र गिरावट हासिल की है। यह एक ऐसा राज्य था जिसने 1965 में इस बीमारी का प्रभावी उन्मूलन कर दिया था, लेकिन अब यह मुख्य रूप से बाहरी स्रोतों से पुनः मलेरिया के प्रसार से जूझ रहा है।

स्वास्थ्य सेवा निदेशालय की आधिकारिक रिपोर्ट्स के अनुसार, राज्य में मलेरिया के मामलों में लगातार गिरावट देखी गई है, जो 2010 में 2,299 मामलों से घटकर 2019 में 656 हो गया, और फिर 2021 में घटकर 309 मामले तक पहुंच गया।

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