अधिकारियों ने बताया कि मंगलवार सुबह नेगुलसारी में भारी भूस्खलन के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग-5 (हिंदुस्तान-तिब्बत मार्ग) अवरुद्ध हो गया, जिसके बाद किन्नौर जिले का शिमला से संपर्क टूट गया। हालांकि, इस घटना में कोई घायल नहीं हुआ।
भूस्खलन के कारण राजमार्ग के दोनों ओर बड़ी संख्या में पर्यटक वाहन और सेब से लदे ट्रक फंस गए। अधिकारियों ने बताया कि राजमार्ग को साफ करने के प्रयास जारी हैं लेकिन पहाड़ियों से लुढ़कता मलबा काम में बाधा डाल रहा है।
पिछले साल नेगुलसारी में भूस्खलन के बाद नकदी फसलों के परिवहन और किसानों की उपज को समय पर बाजार तक पहुंचाने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की गई थी। लेकिन नेगुलसारी में क्राम्पा और चौरा-रूपी लिंक रोड पर धुमती के बीच स्थापित रोपवे के माध्यम से सेब ले जाना एक कठिन और समय लेने वाला काम था।
इस बीच, हिमाचल प्रदेश में पिछले 24 घंटों में मौसम शुष्क रहा। स्थानीय मौसम विभाग ने बताया कि अगले दो या तीन दिनों में दक्षिण-पश्चिम मानसून के और अधिक क्षेत्रों से वापस जाने के लिए परिस्थितियाँ अनुकूल हैं।
अधिकारियों के अनुसार, 27 जून को पहाड़ी राज्य में मानसून की शुरुआत के बाद से हिमाचल प्रदेश में बारिश से जुड़ी घटनाओं में 186 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 28 लोग अभी भी लापता हैं। बारिश के कारण राज्य को 1,360 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
चालू मानसून सत्र में वर्षा की कमी 18 प्रतिशत थी। लाहौल एवं स्पीति का ताबो 4.5 डिग्री सेल्सियस तापमान के साथ राज्य का सबसे ठंडा स्थान रहा, जबकि ऊना 35 डिग्री सेल्सियस तापमान के साथ सबसे गर्म स्थान रहा।
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