नई दिल्ली : मकर सक्रांति के त्यौहार के मौके पर पतंगबाजी करने वाले लोगों को रेलवे ने पटरी से दूर रहने की सलाह दी गई है।
उत्तर भारत में मकर सक्रांति के मौके पर पतंगबाजी का खासा उत्साह देखा जाता है। अधिक उत्साह में लोग सावधानी बरतना भूल जाते हैं। जिससे दुर्घटना होने की आशंका बनी रहती है और कई बार ये जानलेवा भी साबित होती है।
रेलवे ने जोन स्तर पर ये एडवाइजरी जारी कर स्थानीय लोगों को जरूरी दिशानिर्देश दिए हैं। उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी कैप्टन शशि किरण ने बताया कि हर वर्ष रेलवे ट्रैक के पास पतंगबाजी के चलते कई लोग दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं। वर्तमान में उत्तर पश्चिम रेलवे के लगभग सभी रेल खंडों पर इलेक्ट्रिक मोड पर रेलगाड़ियां संचालित की जा रही है। रेलवे ट्रैक के ऊपर गुजर रही विद्युत तारों में 25 हजार वोल्ट की विद्युत का प्रवाह रहता है। इन तारों से पतंग की डोर के संपर्क में आ जाने पर तेज विद्युत का करंट लग सकता है।
उन्होंने बताया कि विशेषकर धातु युक्त मांझे से यह करंट तीव्र गति से झटका पहुंचा सकता है, जो कि जानलेवा भी हो सकता है। साथ ही रेलवे ट्रैक पर गुजर रही हाई स्पीड ट्रेन से आप दुर्घटना के शिकार भी हो सकते हैं। रेलवे प्रशासन आम लोगों से अपील करता है कि पतंगबाजी के लिए रेलवे ट्रैक एवं रेलवे परिसरों से दूर रहें।
उन्होंने बताया कि ट्रेन की पटरी को अनाधिकृत स्थानों से पार करना रेल अधिनियम 1989 की धारा 147 के अनुसार दंडनीय अपराध भी है, इसके लिए उल्लंघन कर्ता से एक हजार रुपए तक के आर्थिक दंड या 6 महीने का कारावास या दोनों से दंडित किया जा सकता है।
हालांकि मकर सक्रांति पर्व को देखते हुए रेलवे सुरक्षा बल और संरक्षा विभाग द्वारा रेलवे ट्रैक के आसपास विशेष अभियान चलाकर लोगों को समझाया भी जा रहा है और इसका उल्लंघन करने पर लोगों को दंडित भी किया जा रहा है। इसी के साथ रेलवे प्रशासन द्वारा रेडियों और टीवी चैनलों के माध्यम से इस विषय पर जागरूकता अभियान भी चलाए जा रहे हैं ताकि कोई अप्रिय घटना ना हो।
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