N1Live National कोलकाता डॉक्टर रेप मर्डर केस : दोषियों को सजा की मांग तेज, परिवार को सौंपी गई पोस्टमार्टम रिपोर्ट
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कोलकाता डॉक्टर रेप मर्डर केस : दोषियों को सजा की मांग तेज, परिवार को सौंपी गई पोस्टमार्टम रिपोर्ट

Kolkata doctor rape murder case: Demand for punishment to the culprits intensified, post mortem report handed over to the family

कोलकाता, 11 अगस्त । कोलकाता के सरकारी हॉस्पिटल में पोस्ट ग्रेजुएट ट्रेनी महिला डॉक्टर के साथ रेप और हत्या के मामले पर कोलकाता पुलिस आयुक्त विनीत कुमार गोयल ने रविवार को बताया कि ज्वाइंट सीपी क्राइम ने मृतका के परिवार से आज भी मुलाकात की है। परिवार वालों को सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के अनुसार पोस्टमार्टम रिपोर्ट सौंप दी गई है।

उन्होंने कहा कि छात्रों के सवालों का जवाब भी दिया गया हैं। छात्र किसी भी समय हमसे किसी भी समस्या को लेकर संपर्क कर सकते है। छात्रों से अपील है कि अगर उनके पास कोई भी जानकारी हो तो हमसे शेयर करें। पुलिस-प्रशासन पूरा सहयोग कर रहा है। वे बेझिझक हमसे किसी भी समस्या को लेकर मिल सकते हैं और अपनी बात रखने के लिए आजाद हैं।

उन्होंने कहा कि छात्रों की मांग थी कि घटना वाली रात में ड्यूटी पर तैनात सहायक पुलिस आयुक्त चंदन गुहा को हटाया जाए, तो हमने उन्हें हटा दिया है। छात्र अपना प्रदर्शन कब खत्म करेंगे, यह उनके ऊपर है।

वहीं इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में हुई डॉक्टर की हत्या की निंदा की है। आईएमए ने कहा कि मामले की निष्पक्ष जांच हो और दोषियों को सजा मिले। इसके अलावा घटना के कारणों की भी जांच हो और डॉक्टरों की सुरक्षा में सुधार के लिए तत्काल कदम उठाए जाएं।

बता दें कि पिछले दिनों कोलकाता के आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल की महिला डॉक्टर रहस्यमय परिस्थितियों में मृत पाई गई। वह अस्पताल में स्नातकोत्तर द्वितीय वर्ष की मेडिकल छात्रा थीं और चेस्ट मेडिसिन विभाग में हाउस स्टाफ के रूप में भी काम कर रही थीं। अस्पताल के कर्मचारियों ने अस्पताल की आपातकालीन बिल्डिंग की चौथी मंजिल पर उनका शव देखा था।

प्रदेश की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मामले को फास्ट-ट्रैक कोर्ट में ले जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए। एक आरोपी को गिरफ्तार किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि इस मामले में विरोध-प्रदर्शन कर रहे लोगों को अगर राज्य सरकार पर भरोसा नहीं है, तो वे किसी अन्य जांच एजेंसी से संपर्क कर सकते हैं।

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