December 10, 2025
Entertainment

2024 रेव पार्टी केस में बरी कोल्ला हेमा, मां की मौत के लिए मीडिया ट्रायल को ठहराया जिम्मेदार

Kolla Hema acquitted in 2024 rave party case, blames media trial for mother’s death

टॉलीवुड अभिनेत्री कोल्ला हेमा पिछले डेढ़ साल से जिस कानूनी और मानसिक संघर्ष से गुजर रही थीं, वह आखिरकार समाप्त हो गया है। कर्नाटक हाई कोर्ट ने उन्हें 2024 के रेव पार्टी केस से बरी कर दिया है। इस कड़ी में अब हेमा ने एक भावुक वीडियो जारी किया, जिसमें उन्होंने बताया कि इस केस ने न सिर्फ उनके करियर को रोक दिया, बल्कि उनकी मां को भी उनसे छीन लिया।

हेमा ने वीडियो में बताया कि हाई कोर्ट ने 3 नवंबर को ही केस खत्म कर दिया था, लेकिन आधिकारिक आदेश मिलने तक उनसे कहा गया था कि वे इस बात को सार्वजनिक न करें। इसी बीच उनकी मां को स्ट्रोक आया और कुछ दिनों बाद उनका निधन हो गया।

हेमा ने कहा, ”मां मेरी ताकत थीं, वही मुझे हिम्मत देती थीं, और मैं आज जो भी हूं, मां की वजह से हूं। सोशल मीडिया की ट्रोलिंग, मीडिया में लगातार चल रही खबरें और गलत आरोप मां सहन नहीं कर पाईं।”

हेमा ने भावुक होकर कहा, ”मैंने बार-बार सोशल मीडिया यूजर्स और मीडिया चैनलों से अनुरोध किया था कि बिना सबूत के गलत बातें न फैलाएं और ऐसे आरोप न लगाएं जो मेरे और परिवार के जीवन को प्रभावित करते हों। मैंने कई बार बताया कि मेरी मां की तबीयत खराब है, फिर भी नकारात्मक बातें रुकने का नाम नहीं ले रही थीं।”

उन्होंने कहा, ”कुछ मीडिया चैनलों ने एक गलत खबर चलाने के लिए मेरे ऊपर दूसरी और तीसरी गलत बातें जोड़ दीं, और इस तरह अफवाहें फैलती चली गईं। मैं शुरुआत से कह रही थी कि मैंने कुछ गलत नहीं किया है और सच सामने आएगा, मगर इस सफर में मुझे अपनी मां को खोना पड़ा।”

अभिनेत्री ने कहा, ”इस लंबे कानूनी संघर्ष ने मेरी जिंदगी को पूरी तरह बदल दिया। डेढ़ साल से मेरा जीवन परेशानियों में घिरा रहा। मैं न तो किसी डायरेक्टर से बात कर सकीं और न ही कोई नया काम कर सकीं। एक कलाकार के लिए छवि का टूट जाना सबसे बड़ा झटका होता है, और मीडिया के दबाव ने मुझे मानसिक रूप से बहुत परेशान किया।”

उन्होंने वीडियो में पूछा, ”मैं केस तो जीत गई, लेकिन अपनी मां को हमेशा के लिए खो दिया। क्या कोई मेरी मां वापस ला सकता है? जीत के इस मोड़ पर भी मेरे दिल में सिर्फ खालीपन और दर्द है।”

इस मामले में कर्नाटक हाई कोर्ट ने कहा कि केस में पुलिस द्वारा पेश किए गए सबूत वैज्ञानिक मानकों पर खरे नहीं उतरते। हेमा उन 88 लोगों में शामिल थीं जिन्हें 19 मई 2024 को हेब्बागोडी के जीआर फार्म में एक रेव पार्टी से हिरासत में लिया गया था।

पुलिस ने दावा किया था कि वहां एमडीएमए और कोकीन जैसे ड्रग्स का इस्तेमाल हुआ था और सब पर एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया। हेमा का मेडिकल टेस्ट एक निजी अस्पताल में कराया गया था, लेकिन हाई कोर्ट ने कहा कि यह रिपोर्ट भरोसेमंद नहीं है क्योंकि देश में अभी भी ड्रग टेस्टिंग के लिए एकसमान नियम और मानक उपलब्ध नहीं हैं।

कोर्ट ने स्पष्ट शब्दों में बताया कि भारत में ड्रग टेस्टिंग के लिए कोई राष्ट्रीय स्तर की नोडल लैब नहीं है, और न ही ब्लड व यूरिन में ड्रग्स की जांच के लिए तय और मान्य प्रक्रिया उपलब्ध है। ऐसे में किसी व्यक्ति को सिर्फ इन टेस्ट रिपोर्ट्स के आधार पर दोषी ठहराना उचित नहीं है।

कोर्ट ने माना कि जांच में कई महत्वपूर्ण कमियां थीं और उस आधार पर केस आगे नहीं चल सकता। इसलिए कोर्ट ने हेमा के खिलाफ दर्ज मामला पूरी तरह से खत्म कर दिया।

सीसीबी ने इस मामले में गिरफ्तार किए गए सभी 88 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। इसके बाद हेमा ने हाई कोर्ट का रुख किया और मामले को रद्द करने की मांग की। अदालत ने उनकी याचिका स्वीकार करते हुए उन्हें राहत दी।

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