November 18, 2025
National

केटीआर ने कपास किसानों से की मुलाकात, केंद्र व तेलंगाना सरकार पर ‘अनदेखी’ का आरोप

KTR meets cotton farmers, accuses Centre and Telangana governments of neglect

भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के कार्यकारी अध्यक्ष केटी रामाराव (केटीआर) ने मंगलवार को वरिष्ठ पार्टी नेताओं के साथ आदिलाबाद जिले का दौरा किया ताकि कपास और सोयाबीन उगाने वाले किसानों की समस्याओं को समझा जा सके।

आदिलाबाद मार्केट यार्ड में किसानों से बातचीत के दौरान कई किसानों ने मौजूदा खरीद संकट को लेकर गहरी निराशा व्यक्त की। बीआरएस के अनुसार, किसानों का आरोप है कि केंद्र और राज्य दोनों सरकारों ने उनकी गुहार को पूरी तरह नज़रअंदाज कर दिया है और किसी भी प्रकार की सहायता नहीं दी है।

किसानों ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने चुनावों के दौरान कृषि क्षेत्र के लिए बड़े राहत पैकेज का वादा किया था, लेकिन सरकार ने कोई भी आश्वासन पूरा नहीं किया। यहां तक कि उनकी फसल बेचने के लिए आवश्यक बुनियादी सहायता भी उपलब्ध नहीं कराई गई।

किसानों से मुलाकात के बाद मीडिया से बात करते हुए केटीआर ने राज्य सरकार की नीयत पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा, “अगर किसानों को कोई समस्या नहीं है तो आज आदिलाबाद मार्केट यार्ड बंद क्यों है? किसानों से मिलने के लिए हमारे दौरे को क्यों रोका गया?”

उन्होंने कपास और सोयाबीन खरीद प्रणाली में भारी गिरावट की निंदा करते हुए कहा कि ऐसी स्थिति पहले कभी नहीं देखी गई। केटीआर ने ‘किसान कपास मोबाइल ऐप’ की भी आलोचना की, यह कहते हुए कि कई किसानों के पास स्मार्टफोन नहीं हैं और आदिलाबाद के कई क्षेत्रों में मोबाइल नेटवर्क की उपलब्धता भी बेहद कमजोर है।

उन्होंने बताया कि बेमौसम बारिश और अत्यधिक ठंड के कारण कपास की नमी स्वतः बढ़ गई है। उन्होंने याद दिलाया कि पिछले बीआरएस के कार्यकाल में केंद्र पर दबाव बनाने के बाद 20–22 प्रतिशत नमी वाली कपास भी खरीदी गई थी, लेकिन आज 12 प्रतिशत नमी पर भी खरीद से इनकार किया जा रहा है। किसान मजबूर हैं और निराशा की ओर धकेले जा रहे हैं।

उन्होंने दावा किया कि अब तक एक लाख क्विंटल कपास भी नहीं खरीदी गई है। केटीआर का आरोप है कि सरकार निजी व्यापारियों के साथ मिलकर किसानों का शोषण कर रही है।

बीआरएस नेता ने प्रति एकड़ सिर्फ 7 क्विंटल की खरीद सीमा की निंदा की। उन्होंने कहा कि आदिलाबाद की उपजाऊ भूमि पर 10–15 क्विंटल प्रति एकड़ उत्पादन होता है, तो बाकी माल किसानों को कहां बेचना चाहिए।

केटीआर ने राज्य सरकार पर “राजनीतिक नौटंकी” करने का आरोप लगाया और कहा कि बीआरएस नेताओं के किसान दौरे के कारण ही सरकार ने केंद्र के साथ अचानक वीडियो कॉन्फ्रेंस तय की। उन्होंने यह भी कहा कि हाल में हुई कैबिनेट बैठक में भी कपास संकट पर चर्चा नहीं हुई, जबकि यह राज्य के आधे से अधिक जिलों को प्रभावित कर रहा है।

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