November 26, 2025
Himachal

कुल्लू बार एसोसिएशन के अध्यक्ष ने औट-लुहरी राजमार्ग की तत्काल मरम्मत के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया

Kullu Bar Association President moves High Court for immediate repair of Aut-Luhri Highway

कुल्लू बार एसोसिएशन के अध्यक्ष तेजा सिंह ठाकुर ने हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय में एक सिविल रिट याचिका (सीडब्ल्यूपी) दायर कर राष्ट्रीय राजमार्ग-305 के औट-बंजार-लुहरी खंड की मरम्मत और चौड़ीकरण तथा उस पर सुरक्षा उपाय करने के लिए तत्काल न्यायिक हस्तक्षेप की मांग की है। याचिका में रखरखाव के अभाव में राजमार्ग को हुए व्यापक नुकसान और उसके कारण हुई कई दुर्घटनाओं को रेखांकित किया गया है।

याचिका में कहा गया है कि इस सड़क को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित किया गया था और इसके विकास एवं रखरखाव का काम भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) को सौंपा गया था। फिर भी, नागरिकों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और निर्वाचित प्रतिनिधियों द्वारा बार-बार चेतावनी दिए जाने के बावजूद, इस सड़क की बड़े पैमाने पर मरम्मत नहीं की गई है। याचिकाकर्ता ने बताया कि सड़क जर्जर है, गड्ढों, दरारों, टूटे हुए साइनेज और भूस्खलन-प्रवण पैच से भरी हुई है, जिससे यह सुरक्षित वाहनों की आवाजाही के लिए अनुपयुक्त है।

याचिका में 2024 और 2025 के दौरान सरकारी विभागों के बीच बार-बार हुए पत्राचार का विवरण दिया गया है। जुलाई 2024 में, लोक निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता (राष्ट्रीय राजमार्ग) ने केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के क्षेत्रीय अधिकारी को पत्र लिखकर तत्काल हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया। एक महीने बाद, बंजार विधायक सुरेंद्र शौरी ने केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के समक्ष राजमार्ग की बिगड़ती स्थिति का मुद्दा उठाया। दिल्ली के राकेश अरोड़ा और पलाच गढ़ी के सामाजिक कार्यकर्ता हेम राज द्वारा लिखे गए पत्रों सहित, निवासियों द्वारा की गई कई शिकायतों में राजमार्ग के खतरनाक हिस्सों की ओर इशारा किया गया, लेकिन कोई सुधारात्मक कार्रवाई नहीं की गई।

सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत एकत्रित आँकड़े एक चिंताजनक तस्वीर पेश करते हैं: 2020 और 2025 के बीच, राष्ट्रीय राजमार्ग-305 पर 298 दुर्घटनाएँ हुईं और यह संख्या हर साल बढ़ रही है। बंजार के उप-मंडल पुलिस अधिकारी से प्राप्त आँकड़ों से पता चलता है कि अकेले जलोड़ी क्षेत्र में ही कई दुर्घटनाएँ हुईं, जिसके परिणामस्वरूप इसी अवधि में 20 लोगों की मृत्यु हुई और 40 लोग घायल हुए।

याचिकाकर्ता का तर्क है कि यह राजमार्ग बंजार, सेराज और अन्नी निर्वाचन क्षेत्रों के निवासियों के लिए जीवन रेखा है। यह तीर्थन घाटी और जिभी जैसे प्रमुख पर्यटन स्थलों को भी जोड़ता है। इस सड़क की खराब स्थिति ने पर्यटन, आपातकालीन यात्रा, कृषि उपज परिवहन और यहाँ तक कि कुल्लू और उसके उप-विभागों में वादियों की अदालतों तक पहुँचने की क्षमता को भी बुरी तरह प्रभावित किया है। याचिका में कहा गया है कि इस तरह की उपेक्षा राष्ट्रीय राजमार्ग अधिनियम, 1956 के तहत वैधानिक दायित्वों और सुरक्षित, वाहन योग्य सड़कें सुनिश्चित करने के लिए NHAI और केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की ज़िम्मेदारियों का उल्लंघन करती है।

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