December 8, 2025
National

कुमारस्वामी ने धर्मगुरुओं पर टिप्पणी के लिए वोक्कालिगा संत से माफी मांगी

Kumaraswamy apologises to Vokkaliga seer for his remarks on religious leaders

केंद्रीय भारी उद्योग और इस्पात मंत्री एचडी कुमारस्वामी ने धार्मिक मठाधीशों द्वारा राजनीति में हस्‍तक्षेप करने संबंधी अपने विवादास्‍पद बयान पर स्‍पष्‍टीकरण दिया। इसको लेकर उन्‍होंने शनिवार को वोक्कालिगा संत निर्मलानंदनाथ स्वामीजी से सार्वजनिक रूप से माफी मांगी। उन्होंने मांड्या के वीसी फार्म में आयोजित कृषि मेले में आदिचुंचनगिरी संत निर्मलानंदनाथ स्वामीजी की मौजूदगी में हाथ जोड़कर माफी मांगी। संत ने मुस्कुराते हुए माफी स्वीकार कर ली, जबकि भीड़ ने तालियां बजाकर कुमारस्वामी का उत्‍साहवर्धन किया।

कुमारस्वामी ने कहा कि अगर मेरे पिछले बयान से स्वामीजी का किसी भी तरह से अपमान हुआ है, तो मैं सार्वजनिक रूप से माफी मांगता हूं। हमारी निष्‍ठा हमारे दिलों में है, इसे बाहरी तौर पर दिखाने की जरूरत नहीं है। अगर मैंने पूजनीय स्वामीजी के प्रति कोई अपराध किया है, तो मैं माफी मांगता हूं। उन्होंने आगे स्पष्ट करते हुए कहा कि मेरा मतलब सिर्फ इतना था कि ऐसे स्वामीजी को इन स्थितियों में नहीं लाना चाहिए। मैंने यह इसलिए कहा था ताकि उन्हें किसी भी तरह का अपमान न सहना पड़े।

इससे पहले, कर्नाटक में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री शिवकुमार के बीच नेतृत्व की खींचतान के चरम के दौरान, शक्तिशाली वोक्कालिगा संत निर्मलानंदनाथ स्वामीजी ने उपमुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार को समर्थन दिया था।

संत ने कहा था कि कांग्रेस आलाकमान को शिवकुमार के योगदान पर विचार करना चाहिए और उन्हें मुख्यमंत्री बनाने का फैसला लेना चाहिए। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया था कि समुदाय खुद शिवकुमार को मुख्यमंत्री के पद पर देखना चाहता है।

गौरतलब है कि उपमुख्यमंत्री शिवकुमार, कुमारस्वामी के कट्टर प्रतिद्वंद्वी हैं।

पिछले विधानसभा चुनाव में शिवकुमार ने दक्षिण कर्नाटक में वोक्कालिगा वोटों को कांग्रेस पार्टी की ओर लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, जो पारंपरिक रूप से जेडी(एस) का मुख्य समर्थन आधार रहा है। शिवकुमार और कुमारस्वामी दोनों वोक्कालिगा समुदाय से हैं।

कुमारस्वामी ने संत का नाम लिए बिना कहा था कि राजनेताओं को राजनीति करनी चाहिए और धार्मिक नेताओं को यह प्रलोभन छोड़ देना चाहिए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के अंदरूनी कलह में स्वामी के हस्तक्षेप की आवश्‍यकता नहीं थी।

उन्‍होंने कहा कि राजनेताओं को राजनीति करनी चाहिए, लेकिन धार्मिक नेताओं को किसी के पक्ष में राय व्‍यक्‍त करने का मोह त्‍याग देना चाहिए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी के अंदरूनी झगड़े में स्वामीजी का दखल देना बेकार है। इसमें उनकी कोई भूमिका नहीं है।

कुमारस्वामी ने सरकार में चल रहे सत्ता संघर्ष पर कड़ी नाराजगी जताते हुए कहा कि मैं दो बार मुख्यमंत्री रहा हूं। सत्‍ता जाने पर मैंने कभी किसी संत की मदद नहीं मांगी। नेताओं का अपना काम होता है और स्वामीजी का अपना। मैं वोक्कालिगा समुदाय या किसी और समुदाय के बारे में नहीं बोलूंगा। जाति और धर्म का हवाला देकर राजनीति के लिए धार्मिक संस्थानों का गलत इस्तेमाल करना किसी के लिए भी अच्छा नहीं है।

कुमारस्वामी ने कहा था कि जब वह दो बार मुख्यमंत्री रहे और बाद में सत्ता से बाहर हो गए, तब भी उन्होंने कभी संतों से मदद नहीं मांगी थी।

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