डॉ. रंगनाथन की 133वीं जयंती, जिसे देशभर में राष्ट्रीय पुस्तकालयाध्यक्ष दिवस के रूप में मनाया जाता है, के उपलक्ष्य में बुधवार को दयानंद महिला महाविद्यालय, कुरुक्षेत्र में पुस्तकालय विज्ञान के क्षेत्र में डॉ. एसआर रंगनाथन का योगदान विषय पर एक ऑनलाइन प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।
विभिन्न संकायों के कुल 160 विद्यार्थियों ने भाग लिया। मीनू (बीए द्वितीय वर्ष) ने प्रथम स्थान प्राप्त किया, निशा (बीए द्वितीय वर्ष) दूसरे स्थान पर और अंशिता (बीए वोकेशनल तृतीय वर्ष) तीसरे स्थान पर रहीं। भावना (बीकॉम तृतीय वर्ष) और अरमानप्रीत कौर (बीकॉम तृतीय वर्ष) को सांत्वना पुरस्कार प्रदान किए गए।
प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कार्यवाहक प्राचार्य डॉ. उर्मिला पंघाल ने डॉ. रंगनाथन को भारतीय पुस्तकालय विज्ञान का जनक बताया तथा भारत में एक मजबूत पुस्तकालय प्रणाली की स्थापना में उनके अग्रणी कार्य और दशमलव वर्गीकरण प्रणाली के विकास को रेखांकित किया, जो सूचना को वैज्ञानिक रूप से व्यवस्थित करने में एक क्रांतिकारी कदम था।
उन्होंने विजेताओं को बधाई दी और इस बात पर ज़ोर दिया कि ऐसी प्रतियोगिताएँ न केवल छात्रों के ज्ञान का विस्तार करती हैं, बल्कि उन्हें महान हस्तियों के जीवन से सीखने के लिए भी प्रेरित करती हैं। उन्होंने समन्वयकों का धन्यवाद किया और संकाय सदस्यों से आग्रह किया कि वे छात्रों को पुस्तकों से और अधिक गहराई से जुड़ने के लिए प्रोत्साहित करें।
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