N1Live National लाल बहादुर शास्त्री सादगी, सदाचार, शुचिता और कर्तव्यनिष्ठा के प्रतीक थे : सीएम योगी
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लाल बहादुर शास्त्री सादगी, सदाचार, शुचिता और कर्तव्यनिष्ठा के प्रतीक थे : सीएम योगी

Lal Bahadur Shastri was a symbol of simplicity, morality, purity and devotion: CM Yogi

लखनऊ, 2 अक्टूबर । यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के जन्मदिवस पर उन्हें नमन किया। सीएम योगी ने शास्त्री भवन पहुंचकर उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण भी किया। इस दौरान विधान परिषद सदस्य महेंद्र सिंह, लालजी प्रसाद निर्मल, मुख्य सचिव मनोज सिंह आदि मौजूद रहे।

इससे पहले सीएम योगी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर शास्त्री जी को श्रद्धांजलि देते हुए उन्हें भारतीय राजनीति में “सादा जीवन, उच्च विचार” के सिद्धांत का प्रतीक बताया। सीएम योगी ने पोस्ट में लिखा, “जय जवान-जय किसान के नारे से देश में नई चेतना का संचार करने वाले पूर्व प्रधानमंत्री ‘भारत रत्न’ लाल बहादुर शास्त्री जी को उनकी जयंती पर सादर श्रद्धांजलि।”

उन्होंने आगे कहा कि शास्त्री जी लोकतांत्रिक आदर्शों के जीवंत उदाहरण थे जो भारतीय राजनीति को आकार देते रहे हैं, उन्हें लोकतंत्र की ‘पाठशाला’ कहा, जिनकी विरासत कालातीत है।

सीएम योगी ने एक्स पर एक अन्य पोस्ट में लिखा, “राष्ट्रपिता’ महात्मा गांधी जी एवं पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी की पावन जयंती के अवसर पर आज लखनऊ में आयोजित सेवा पखवाड़ा कार्यक्रम में सहभाग किया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी की ‘शून्य से शिखर’ की यात्रा को प्रतिबिंबित करती डॉ. आर बालसुब्रमण्यम द्वारा लिखित ‘पॉवर विदिन: द लीडरशिप लीगेसी ऑफ नरेंद्र मोदी’ पुस्तक पर आधारित संगोष्ठी में अपने विचार भी रखे।”

उन्होंने आगे लिखा प्रधानमंत्री मोदी के विजनरी एवं सक्षम लीडरशिप में हमें आज एक ‘नए भारत’ के दर्शन हो रहे हैं। आयोजन के प्रति मेरी शुभकामनाएं!

उल्लेखनीय है कि महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री की जयंती के अवसर पर पूरा देश आज राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री को श्रद्धांजलि दे रहा है। सत्य और अहिंसा के पथ पर चलने वाले महात्मा गांधी ने भारत को अंग्रेजी शासन से मुक्त कराने में अहम भूमिका निभाई। तो वहीं, भारत के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री को उनके सरल जीवन और देशभक्ति के लिए याद किया जाता है। उन्होंने 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान भारत का नेतृत्व किया और ‘जय जवान, जय किसान’ का नारा दिया।

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