December 15, 2025
National

लैंड फॉर जॉब केस: 19 दिसंबर को होगी अगली सुनवाई, सीबीआई दाखिल करेगी वेरिफिकेशन रिपोर्ट

Land for Jobs case: Next hearing on December 19, CBI to submit verification report

जमीन के बदले नौकरी (लैंड फॉर जॉब) से जुड़े बहुचर्चित सीबीआई मामले में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद यादव, तेजस्वी यादव, पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, मीसा भारती, हेमा यादव, तेज प्रताप यादव और अन्य आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करने की प्रक्रिया एक बार फिर टल गई है।

राउज एवेन्यू कोर्ट ने इस मामले में अगली सुनवाई की तारीख 19 दिसंबर तय की है।

सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने अदालत से अतिरिक्त समय की मांग की। सीबीआई ने कहा कि वह 19 दिसंबर तक सभी आरोपियों से जुड़ी विस्तृत वेरिफिकेशन रिपोर्ट अदालत में दाखिल कर देगी। पिछली सुनवाई में भी अदालत ने एजेंसी को यही रिपोर्ट जमा करने के निर्देश दिए थे, लेकिन अब तक यह प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी है।

इस मामले में सीबीआई ने लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव समेत कुल 103 लोगों को आरोपी बनाया है। हालांकि, एजेंसी ने अदालत को बताया कि इनमें से चार आरोपियों की मौत हो चुकी है। इसी वजह से अदालत यह स्पष्ट करना चाहती है कि कौन-कौन आरोपी जीवित हैं और किनके खिलाफ आगे कानूनी कार्रवाई संभव है।

इससे पहले 11 दिसंबर को राउज एवेन्यू कोर्ट ने आरोप तय करने की सुनवाई को 15 दिसंबर तक के लिए टाल दिया था। उस समय अदालत ने सीबीआई को निर्देश दिया था कि वह सभी आरोपियों की वर्तमान स्थिति से संबंधित विस्तृत वेरिफिकेशन रिपोर्ट पेश करे। वहीं, 8 दिसंबर को अदालत ने सीबीआई को दो दिन का अतिरिक्त समय भी दिया था, ताकि एजेंसी यह साफ कर सके कि किन आरोपियों का निधन हो चुका है और किनके खिलाफ मामला आगे बढ़ाया जा सकता है।

सीबीआई द्वारा दाखिल चार्जशीट में गंभीर आरोप लगाए गए हैं। एजेंसी का कहना है कि इस मामले में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है। जांच एजेंसी के अनुसार, रेलवे में नौकरी दिलाने के बदले उम्मीदवारों और उनके परिजनों से जमीन ली गई। चार्जशीट में यह भी कहा गया है कि जमीन की खरीद से जुड़े ज्यादातर लेन-देन नकद में हुए, जबकि कुछ मामलों में केवल सेल डीड ही मौजूद हैं।

सीबीआई ने इस मामले में भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी (आपराधिक साजिश), 420 (धोखाधड़ी), 468, 467, 471 और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 11, 12, 13, 8 और 9 के तहत आरोप तय करने की मांग की है।

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