लैंड फॉर जॉब केस में मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामले पर राऊज एवेन्यू कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से दाखिल सप्लीमेंट्री चार्जशीट पर संज्ञान लिया है। यह मामला लालू प्रसाद यादव के करीबी बिजनेसमैन अमित कात्याल से जुड़ा है।
कोर्ट ने इस मामले में लाल बाबू चौधरी, मुस्तकीम अंसारी और राजेन्द्र सिंह को आरोपी मानते हुए समन जारी किया है। आदेश के मुताबिक, तीनों आरोपियों को 13 अक्टूबर को अदालत के समक्ष पेश होना होगा। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया है कि लैंड फॉर जॉब से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामलों की सुनवाई अब प्रतिदिन (डे टू डे बेसिस पर) की जाएगी, ताकि मुकदमे को जल्द से जल्द निष्पादित किया जा सके।
इसके साथ ही अदालत ने ईडी से यह भी कहा है कि वह लालू प्रसाद यादव के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए मिली इजाजत की कॉपी अदालत में जमा करे।
इससे पहले, 8 सितंबर को इस मामले में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान लालू के वकील ने दिल्ली हाईकोर्ट में कहा कि सीबीआई इस मामले में एफआईआर दर्ज करने के लिए भ्रष्टाचार निवारण (पीसी) एक्ट के तहत अनिवार्य मंजूरी हासिल करने में विफल रही है। उन्होंने कहा था कि उस वक्त लालू यादव रेल मंत्री थे, इसलिए पीसी एक्ट की धारा 17ए के तहत मंजूरी जरूरी थी। सीबीआई एफआईआर दर्ज नहीं कर सकती थी और बिना एफआईआर जांच शुरू नहीं हो सकती थी।
बता दें कि ‘लैंड फॉर जॉब’ घोटाला भ्रष्टाचार का मामला है, जिसमें आरोप है कि लालू प्रसाद यादव ने रेल मंत्री रहते हुए कुछ लोगों को रेलवे में नौकरी देने के बदले उनसे सस्ती दर पर जमीन ली। यह मामला 2004 से 2009 के बीच का है। सीबीआई ने इस केस में लालू यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, बेटे तेजस्वी यादव और अन्य पर आरोप लगाए हैं। जांच एजेंसियों का कहना है कि यह लेन-देन बिना किसी वैध प्रक्रिया के हुई। अब कोर्ट में इस मामले की सुनवाई चल रही है।
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