February 25, 2025
Uttar Pradesh

महाकुंभ में लाखों श्रद्धालुओं के लिए लंगर भाई लालो जी ने चलाया अन्नपूर्णा महायज्ञ

Langar Bhai Lalo ji conducted Annapurna Mahayagya for lakhs of devotees in Mahakumbh.

महाकुंभनगर, 25 फरवरी। महाकुंभ मेला क्षेत्र के सेक्टर सात में ‘लंगर भाई लालो जी’ ने लाखों श्रद्धालुओं को भोजन प्रसाद से तृप्त किया। इस कैंप के ​जरिए सिख समाज ने श्रद्धालुओं की निरंत सेवा की। महाकुंभ में श्रद्धालुओं के लिए डेढ़ महीने तक लंगर चलाया। इसमें देश के कई प्रांतों के सिख बंधुओं ने सेवाएं दी।

महाकुंभ लंगर के पंडाल में चार साहिबजादों व सिख समाज के इतिहास की प्रदर्शनी भी लगाई गई। लंगर में सहयोग करने वाले लोगों का संस्था की ओर से सम्मान भी किया गया। सरदार जसविंदर सिंह के नेतृत्व में इस कैंप का संचालन हुआ। यहां पर लाखों श्रद्धालुओं के साथ प्रयागराज में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी या पढ़ाई कर रहे छात्रों ने भी रात्रि को प्रसाद ग्रहण किया।

इस अवसर पर राष्ट्रीय सिख संगत के तत्वावधान में भाई लालो जी का शुकराना अरदास समागम संपन्न हुआ। कार्यक्रम के शुभारंभ में श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी महाराज की उपस्थिति में मुख्तियार सिंह मोखा द्वारा जपुजी साहिब का पाठ हुआ, तत्पश्चात भाई हरविंदर सिंह जी द्वारा गुरबाणी कीर्तन का गायन किया गया।

अन्तर्राष्ट्रीय कथावाचक ज्ञानी करनैल सिंह गरीब ने कहा कि सिख गुरुओं ने अपने लिए नहीं, मानवता के कल्याण के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर किया। भारत में आज अगर 14 मजहबों के लोग शांति से रह रहे हैं, तो उसके लिए हमें गुरु तेग बहादुर के बलिदान को नहीं भूलना चाहिए। सिख गुरुओं ने अपने को सेवादार ही कहा। इस बात को अगर खालसा समझ पाते तो हमारी गिनती आज 100 करोड़ होती। हमें एक दूसरे से जुड़कर सबको परमात्मा से जोड़ना है। सिख का मतलब, जो गुरु के विचारों के अनुरूप चले वही सिख है। ज्ञानी करनैल सिंह गरीब ने कहा कि जब तक अंदर की आत्मा को भक्ति व ज्ञान का स्नान नहीं कराओगे, तब तक ऊपरी स्नान से कोई लाभ नहीं होगा। हमें गुरु की शिक्षाओं के अनुरूप चलने की आवश्यकता है।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्वी उत्तर प्रदेश के क्षेत्र प्रचार प्रमुख सुभाष ने कहा कि महाकुंभ में लालो जी के लंगर के माध्यम से एक महायज्ञ संपन्न हुआ है। उन्होंने कहा कि महाकुंभ में अब तक 62 करोड़ से अधिक श्रद्धालु पव‍ित्र संगम में डुबकी लगा चुके हैं। प्रयाग की धरती से संतों ने कहा कि धर्म की जय हो। धर्म, यानि जो सबका सम्मान करता है, सबको साथ लेकर चलता है, वही धर्म है। नारी का सम्मान होना चाहिए।

कार्यक्रम में बड़ी संख्या में उपस्थित सिखों को संबोधित करते हुए क्षेत्र प्रचार प्रमुख ने कहा कि केवल पंजाब ही नहीं, सम्पूर्ण भारत हमारा है। सभी सनातनी हमारे हैं। सद्भाव होगा, तभी हमारे साथ शक्ति खड़ी होगी। जहां शक्ति होगी, वहीं समृद्धि होगी। विश्व का कल्याण हो। इतना बड़ा चिंंतन केवल सनातनी ही मानकर चलते हैं। इसलिए संगठन गढ़े चलो, सुपंथ पर बढ़े चलो, भला हो जिसमें देश का, वह काम किए चलो।

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