October 13, 2025
National

‘पीएम धन धान्य कृषि योजना’ का शुभारंभ, सीएम नायब सिंह सैनी ने कहा- सीधे किसानों के खातों में पहुंच रहा पैसा

Launch of ‘PM Dhan Dhanya Krishi Yojana’, CM Nayab Singh Saini said – money is reaching farmers’ accounts directly.

कृषि क्षेत्र में बड़ा विस्तार करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को किसानों को सौगात दी है। उन्होंने 35,440 रुपये के व्यय वाली ‘पीएम धन धान्य कृषि योजना’ का शुभारंभ किया है। इसके साथ ही दलहन आत्मनिर्भरता मिशन का शुभारंभ भी किया है।

इस योजना के शुभारंभ के लिए पंचकूला सेक्टर 5 इंद्रधनुष ऑडिटोरियम में कार्यक्रम का आयोजन हुआ, जहां हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने किसानों के खातों में सीधा पैसा पहुंचने और उनकी आय बढ़ाने को लेकर बात की।

कार्यक्रम का शुभारंभ हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने द्वीप प्रज्वलित करके किया, और इस मौके पर प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बडौली, मंत्री अविन्द शर्मा, मंत्री महिपाल ढांडा और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता मौजूद रहे। पीएम मोदी भी वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए कार्यक्रम से जुड़े और लोगों से बात की।

कार्यक्रम में किसानों के हित की बात करते हुए हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने मंच से कहा, “किसानों के खातों में सीधा लाभ पहुंचाने के लिए ई-खरीद पोर्टल के माध्यम से पिछले 10 सीजन में लगभग 12 लाख किसानों के खातों में एमएसपी का सीधा पैसा पहुंचा है। किसान भाइयों के खाते में 1 लाख 48 करोड़ रुपया पहुंचा है।”

उन्होंने आगे कहा, “हम सब जानते हैं कि पहले जब किसान अपनी फसल बेचने के लिए जाता था, उसके पास पैसा सीधा नहीं आता था, लेकिन 2014 के बाद देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ई-खरीद पोर्टल के जरिए सीधा पैसा किसानों के खाते में पहुंचा रहे हैं। पहले किसानों को पता नहीं होता था कि पैसा कब आएगा, लेकिन अब मंडी में फसल डालने के बाद 48 घंटों के अंदर फसल का पैसा सीधे खाते में आता है।”

बता दें कि पीएम मोदी ने दलहन आत्मनिर्भरता मिशन की भी शुरुआत की है, जिस पर 11,440 करोड़ रुपये व्यय किए जाएंगे। इस कार्यक्रम के तहत दालों की उत्पादकता के स्तर में सुधार, दालों का एमआरपी और भंडारण जैसी व्यवस्था पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा, जिससे किसान दालें उगाने के लिए प्रेरित हों।

पीएम मोदी ने पूसा में ‘पीएम धन धान्य कृषि योजना’ का शुभारंभ करते हुए कहा कि हमारे किसान भाई-बहन बहुत मेहनत करते हैं लेकिन उन्हें उचित दाम नहीं मिलता। ऐसे में मैं ये दावे के साथ कह सकता हूं कि जैसे ही गांव में खेती की स्थिति बदलेगी, वैसे ही उस गांव की आर्थिक व्यवस्था बदल जाएगी।

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