दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ से मिली सूचना के बाद रविवार रात राजस्थान के श्रीगंगानगर में कई पेइंग गेस्ट (पीजी) पर छापे मारे गए। पुलिस ने लॉरेंस बिश्नोई गिरोह से जुड़े सात संदिग्ध शूटरों को गिरफ्तार किया है।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि जम्मू-कश्मीर के कुछ लोगों सहित 20 से अधिक लोगों को पूछताछ के लिए उठाया गया है।
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल से मिली जानकारी के अनुसार, बिश्नोई गैंग से जुड़े पांच बदमाशों ने श्रीगंगानगर में पूर्व विधायक राजकुमार गौड़ के भतीजे सुनील पहलवान को निशाना बनाने के लिए दो बार रेकी की थी। बताया जा रहा है कि तीन शूटर कई दिनों तक श्रीगंगानगर में रुके थे।
विशेष प्रकोष्ठ ने कथित तौर पर एक संदिग्ध से जीपीएस ट्रैकिंग डिवाइस बरामद की है, जो लॉरेंस बिश्नोई गिरोह के पूर्व सदस्य आरजू बिश्नोई से निर्देश प्राप्त कर रहा था, जो अब स्वतंत्र रूप से काम कर रहा है।
गिरोह की पहली टीम में शूटर बादल, संदीप और प्रमोद शामिल थे, जिन्होंने सुनील पहलवान के घर के आसपास रेकी की थी। दूसरी टीम के शूटर साहिल और अमर ने बाद में रेकी की जिम्मेदारी ली थी।
पिछले साल 29 अक्टूबर को सुनील पहलवान को एक गैंगस्टर ने जान से मारने की धमकी दी थी। उनकी शिकायत पर सदर थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की थी।
पहलवान ने पुलिस को बताया कि उसके मोबाइल पर एक कॉल आया था। कॉल करने वाले ने उसे धमकी दी कि वह गिरोह के सदस्यों के खिलाफ कोई कार्रवाई न करे, नहीं तो उसे खत्म कर दिया जाएगा। पुलिस ने कॉल को ट्रेस करने की कोशिश की, लेकिन जांच आगे नहीं बढ़ सकी।
पुलिस ने बताया कि हनुमानगढ़ का निवासी सुखराम तीन दिन तक श्रीगंगानगर के पुरानी आबादी क्षेत्र में एक पीजी में रहा था और अन्य लड़कों के साथ मिलकर उसने पहलवान के घर और उसके कार्यालय क्षेत्र की रेकी की थी।
मीडिया से बात करते हुए पहलवान ने आरोप लगाया कि पंजाब में पिछली सरकार के दौरान खनन में बड़ी हिस्सेदारी रखने वाले एक स्थानीय राजनेता अपने चाचा राज कुमार गौड़ के साथ प्रतिद्वंद्विता के कारण गिरोह के सदस्यों का समर्थन कर रहे हैं।
पुलिस अधीक्षक गौरव यादव ने कहा कि मामले पर आगे की चर्चा के लिए एक टीम दिल्ली भेजी जाएगी।