कोलकाता, 28 अक्टूबर। पश्चिम बंगाल के मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक के करीबी सहयोगियों में से एक के कब्जे से जब्त की गई मैरून डायरी ने जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) अधिकारियों को करोड़ों रुपये के राशन वितरण मामले में उनकी कथित संलिप्तता के बारे में महत्वपूर्ण सुराग दिए।
डायरी के कवर पर मंत्री के उपनाम ‘बालू’ ने जांच अधिकारियों का ध्यान खींचा।
सूत्रों के मुताबिक, डायरी में राशन वितरण मामले से संबंधित तिथिवार लेनदेन और मामले में विभिन्न लाभार्थियों के नाम शामिल थे।
शुक्रवार की सुबह अपनी गिरफ्तारी से पहले पूछताछ के दौरान मल्लिक शुरू में असंगत थे और जब उनसे डायरी के कंटेंट्स के बारे में पूछताछ की गई तो उन्होंने सहयोग नहीं किया।
कोलकाता की एक विशेष अदालत ने शुक्रवार को सबसे पहले मल्लिक को 6 नवंबर तक ईडी की हिरासत में भेज दिया।
फैसला सुनने के बाद मल्लिक अदालत के भीतर ही बेहोश हो गए, जिसके बाद उन्हें एक निजी अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। इसके बाद विशेष अदालत के न्यायाधीश ने अपने पिछले आदेश को आंशिक रूप से संशोधित किया और कहा कि मंत्री की 10 दिन की ईडी हिरासत अस्पताल से रिहा होने के बाद ही शुरू होगी।
इस बीच, केंद्रीय एजेंसी ने फैसला किया है कि जैसे ही मल्लिक थोड़ा स्थिर हो जाएंगे, उन्हें दक्षिण कोलकाता में रक्षा संचालित कमांड अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया जाएगा।
उपलब्ध जानकारी के अनुसार मंत्री की चिकित्सा स्थितियों में बहुत अधिक गंभीरता नहीं है।
अब मंत्री की पत्नी के बैंक बैलेंस में बेतहाशा बढ़ोतरी भी ईडी की जांच के घेरे में आ गई है।
ईडी के वकील फिरोज एडुल्जी ने शुक्रवार को अदालत को सूचित किया कि 2016 के राज्य विधानसभा चुनावों के लिए नामांकन के साथ मल्लिक द्वारा दिए गए हलफनामे के अनुसार, उनकी पत्नी के बैंक खाते में कुल शेष 45,000 करोड़ रुपये थे।
हालांकि, ईडी के वकील ने कहा कि महज एक साल के भीतर उनके उसी बैंक खाते में 6 करोड़ रुपये की भारी रकम ट्रांसफर की गई।
जांच अधिकारी फिलहाल यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि इतने कम समय में उस बैंक खाते में इतनी बड़ी धनराशि जमा हुई है।
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