हरियाणा कृषि एवं किसान कल्याण विभाग ने कार्य में अनेक विसंगतियों के चलते मई 2024 से सितंबर 2025 के बीच 36 उर्वरक डीलरों के लाइसेंस रद्द कर दिए हैं।इस अवधि के दौरान, विभाग ने उर्वरक डीलरों, प्लाईवुड कारखानों के मालिकों और अन्य व्यक्तियों के खिलाफ सब्सिडी वाले कृषि ग्रेड यूरिया के अवैध व्यापार में उनकी कथित संलिप्तता के लिए 14 एफआईआर भी दर्ज कराईं।
इसके अलावा, जिले में गोदामों पर छापे मारकर और वाहनों को जब्त करके सब्सिडी वाले कृषि ग्रेड यूरिया के 7,522 अवैध बैग भी जब्त किए गएयमुनानगर के कृषि उपनिदेशक (डीडीए) आदित्य प्रताप डबास ने कहा, “हम सब्सिडी वाले कृषि ग्रेड यूरिया के अवैध व्यापार में शामिल लोगों पर शिकंजा कसने की कोशिश कर रहे हैं। विभाग ऐसे उर्वरक विक्रेताओं पर नज़र रख रहा है, जो निर्धारित प्रारूप में स्टॉक नहीं रख रहे हैं और अन्य मानदंडों का उल्लंघन कर रहे हैं।”
सब्सिडी वाले कृषि ग्रेड यूरिया का उपयोग कथित तौर पर कुछ प्लाईवुड कारखानों द्वारा गोंद (चिपकने वाला पदार्थ) तैयार करने के लिए किया जा रहा है, क्योंकि तकनीकी ग्रेड यूरिया की दर सब्सिडी वाले कृषि ग्रेड यूरिया से अधिक है।
डबास ने कहा, “कृषि ग्रेड यूरिया का इस्तेमाल केवल कृषि उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है। उद्योग और किसी भी अन्य उद्देश्य के लिए इसका इस्तेमाल गैरकानूनी है।