बिहार में शिक्षा के स्तर में सुधार के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इसी के तहत अब शिक्षा विभाग ने सरकारी विद्यालयों में शिक्षकों की तरह विद्यार्थियों की उपस्थिति भी ऑनलाइन दर्ज कराने की तैयारी शुरू कर दी है।
बताया गया कि इसे पायलट प्रोजेक्ट के तहत पहले छह जिलों पटना, नालंदा, वैशाली, जहानाबाद, सारण और भोजपुर में लागू किया जाएगा। सफलता मिलने पर इसे पूरे प्रदेश में लागू करने पर विचार किया जाएगा।
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव एस. सिद्धार्थ ने गुरुवार को इससे संबंधित एक आदेश संबंधित जिला शिक्षा पदाधिकारियों को निर्गत किया। एस. सिद्धार्थ के निर्देश के मुताबिक शुरुआत में कक्षा तीन के विद्यार्थियों की ऑनलाइन उपस्थिति बनाई जाएगी। इस व्यवस्था के तहत संबंधित विद्यालयों को टैबलेट उपलब्ध कराया जाएगा। कक्षा तीन के सभी छात्रों की उपस्थिति को भी ऑनलाइन ई-शिक्षाकोष पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा।
यह भी कहा जा रहा है कि इसी के साथ पोर्टल पर क्लास का फोटो भी अपलोड करना होगा। बताया गया है कि इसके लिए पायलट प्रोजेक्ट के तहत पांच सरकारी प्रारंभिक विद्यालय (तीन मध्य विद्यालय और दो प्राथमिक विद्यालय) का चयन बिहार शिक्षा परियोजना परिषद करेगा।
पायलट प्रोजेक्ट के तहत इस योजना की शुरुआत 10 फरवरी से की जाएगी। चयनित विद्यालयों के कक्षा तीन के बच्चों के परीक्षा के परिणाम भी शिक्षक टैबलेट के माध्यम से अपलोड करेंगे। यही नहीं, प्रत्येक महीने के अंत में अकादमिक सत्र में पूरे किए गए विषयवार पाठ्यक्रमों का विवरण भी अद्यतन किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि बुधवार को शिक्षा विभाग ने प्रदेश के सभी सरकारी प्रारंभिक विद्यालयों में प्रतिदिन कितने बच्चों ने मध्याह्न भोजन खाया, इसका प्रमाण पत्र तैयार करने का निर्देश दिया है। इस प्रमाण पत्र पर विद्यालय के प्रधानाध्यापक के साथ ही उपस्थित सभी शिक्षकों के हस्ताक्षर अनिवार्य रूप से होंगे।
निर्देश में कहा गया है कि कोई शिक्षक प्रमाणपत्र पर हस्ताक्षर नहीं करेंगे तो उन्हें अनुपस्थित माना जाएगा। इस संबंध में बुधवार को शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को निर्देश दिया था।