शिमला, 17 जुलाई शिमला पुलिस द्वारा मादक पदार्थ तस्करों को पकड़ने के लिए विकसित सोशल इंटीग्रेटेड इंटेलिजेंस नेटवर्क ने पिछले 15 महीनों में मादक पदार्थ व्यापार में संलिप्त 1,000 से अधिक लोगों को गिरफ्तार करने में पुलिस की मदद की है।
इस योजना के तहत, निवासी व्हाट्सएप संदेश, ईमेल, फोन कॉल और पुलिस कर्मियों से मिलकर नशीली दवाओं के व्यापार के बारे में जानकारी दे सकते हैं।
शिमला के पुलिस अधीक्षक (एसपी) संजीव गांधी ने कहा कि जिला पुलिस ने पूरे शहर में एक मजबूत खुफिया नेटवर्क विकसित किया है, जिसमें टैक्सी और बस चालक तथा होटल संचालक शामिल हैं।
इस नेटवर्क में महिला मंडलों के सदस्य, स्कूल और कॉलेज के छात्र और पूर्व नशेड़ी भी शामिल हैं। एसपी ने कहा, “सोशल इंटीग्रेटेड इंटेलिजेंस नेटवर्क की मदद से पुलिस ड्रग तस्करों के खिलाफ कार्रवाई करने में सक्षम है।”
उन्होंने कहा, “हमारे विशेष जांच प्रकोष्ठ ड्रग तस्करों को पकड़ने और ड्रग व्यापार के खतरे को कम करने के लिए काम कर रहे हैं। हमने खुफिया नेटवर्क को मजबूत करके और प्रभावशाली और लगातार कार्रवाई करके अभियान चलाया है।”
एसपी ने जिलावासियों से बढ़ती नशीली दवाओं की समस्या को रोकने के लिए आगे आने की अपील की। पिछले छह महीनों के दौरान शिमला पुलिस ने 250 से अधिक नशा तस्करों से 1.579 किलोग्राम हेरोइन (चिट्टा), 14.42 किलोग्राम अफीम, 12.54 किलोग्राम चरस, 116.72 ग्राम पोस्त की भूसी, 5.48 ग्राम स्मैक, 3,601 अफीम के पौधे, 503 नशीली गोलियां और 38 बोतल नशीली सिरप जब्त की हैं।