N1Live National लोकसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित, शीत कालीन सत्र में 74 प्रतिशत कामकाज
National

लोकसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित, शीत कालीन सत्र में 74 प्रतिशत कामकाज

Lok Sabha proceedings adjourned indefinitely, 74 percent work completed in winter session

नई दिल्ली, 21 दिसंबर । लोकसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गई है। इसी के साथ लोकसभा का शीतकालीन सत्र भी समाप्त हो गया है। निर्धारित तिथि के अनुसार, 4 दिसंबर से शुरू हुए संसद के शीतकालीन सत्र को शुक्रवार तक चलना था। लेकिन, एक दिन पहले 21 दिसंबर को ही लोकसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई।

गुरुवार को लोकसभा ने दो महत्वपूर्ण विधेयकों, मुख्य निर्वाचन आयुक्त और अन्य निर्वाचन आयुक्तों (नियुक्ति, सेवा शर्तों और कार्यालय अवधि) विधेयक – 2023 और प्रेस और पत्र-पत्रिका पंजीकरण विधेयक – 2023, को पारित कर दिया। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शीतकालीन सत्र के दौरान हुए कामकाज की जानकारी देते हुए सदन को बताया कि वर्तमान चौदहवें सत्र में लोकसभा की उत्पादकता लगभग 74 प्रतिशत रही। लोकसभा के चौदहवें सत्र के दौरान 14 बैठकें हुईं, जो 61 घंटे और 50 मिनट तक चलीं।

उन्होंने बताया कि सत्र के दौरान लोकसभा में 12 सरकारी विधेयक पेश किए गए और 18 विधेयक पारित किए गए। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह एवं नितिन गडकरी सहित अन्य मंत्रियों और सांसदों की उपस्थिति में सत्र के दौरान सदन में हुए कामकाज के बारे में सदस्यों को सूचित किया कि 4 दिसंबर, 2023 को शुरू हुए सत्र के दौरान 14 बैठकें हुईं जो लगभग 61 घंटे 50 मिनट तक चली। सत्र के दौरान सदन की उत्पादकता 74 प्रतिशत रही। सत्र के दौरान 12 सरकारी विधेयक पेश किए गए एवं भारतीय न्याय (द्वितीय) संहिता – 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा (द्वितीय) संहिता – 2023, भारतीय साक्ष्य (द्वितीय) विधेयक- 2023, केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर (दूसरा संशोधन) विधेयक -2023 और दूरसंचार विधेयक – 2023 सहित 18 विधेयक पारित किए गए।

उन्होंने बताया कि इस दौरान वर्ष 2023-24 के लिए अनुदानों की पूरक मांगों को तथा वर्ष 2020-21 के लिए अतिरिक्त अनुदानों की मांगों को मतदान के उपरांत पारित किया गया। बिरला ने बताया कि सत्र के दौरान 55 तारांकित प्रश्नों के मौखिक उत्तर दिए गए और नियम 377 के अधीन कुल 265 मामले उठाए गए। सत्र के दौरान अविलंबनीय लोक महत्व के 182 मामले उठाए गए।

उन्होंने कहा कि लोकसभा की विभागों से संबंधित स्थायी समितियों ने 35 प्रतिवेदन प्रस्तुत किए। निदेश 73क के अधीन 33 वक्तव्य दिए गए और संसदीय कार्य के संबंध में संसदीय कार्य मंत्री द्वारा दिए गए तीन वक्तव्यों सहित कुल 34 वक्तव्य दिए गए। बिरला ने यह भी बताया कि सत्र के दौरान कुल 1930 दस्तावेज़ सभा के पटल पर रखे गए। सदन की कार्यवाही में सहयोग के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सदन में सभी दलों के नेताओं और सदस्यों के प्रति आभार भी व्यक्त किया।

Exit mobile version