हरियाणा में साइबर अपराध एक गंभीर चिंता का विषय बन गया है, हर महीने 35 से 37 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी हो रही है। घोटालेबाज पूरे राज्य में लोगों को निशाना बनाने के लिए नई और चालाकी भरी तरकीबें अपना रहे हैं। हालांकि, राज्य पुलिस के अनुसार, त्वरित कार्रवाई और बेहतर समन्वय की बदौलत स्थिति में सुधार हो रहा है।
रविवार को सिरसा के दौरे पर आए पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) शत्रुजीत कपूर ने कहा कि साइबर अपराध से होने वाले नुकसान में काफी कमी आई है। उन्होंने कहा, “अप्रैल 2024 में एक महीने में साइबर धोखाधड़ी के 75 करोड़ रुपये होते थे, अब यह संख्या आधी रह गई है।”
सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक धन की वसूली है। कपूर ने कहा, “डेढ़ साल पहले हम चोरी हुए धन का केवल 8 से 10 प्रतिशत ही वसूल पाते थे। अब हम 35 से 38 प्रतिशत तक ही वसूली कर पा रहे हैं।”
त्वरित रिपोर्टिंग भी एक बड़ी भूमिका निभाती है। अगर धोखाधड़ी की सूचना छह घंटे के भीतर दी जाती है, तो पुलिस चोरी की गई 70 से 75 प्रतिशत रकम को ब्लॉक कर सकती है। यह पुलिस और बैंकों के बीच सहयोग के कारण संभव है। अब बैंक नोडल अधिकारी और पुलिस टीमें एक ही छत के नीचे काम करती हैं और 1930 हेल्पलाइन के माध्यम से तेजी से प्रतिक्रिया देती हैं।
गिरफ्तारियों की संख्या में भी तेज़ी से वृद्धि हुई है। 2022 में लगभग 500 साइबर अपराधी पकड़े गए। 2023 में यह संख्या बढ़कर 1,900 हो गई। 2024 में अब तक लगभग 5,500 गिरफ़्तार किए जा चुके हैं। कपूर ने कहा कि पुलिस अब हर दिन लगभग 22 साइबर अपराधियों को गिरफ़्तार कर रही है और साल के अंत तक यह संख्या 8,000 तक पहुँच सकती है। कपूर ने कहा, “सिर्फ़ तीन साल में गिरफ़्तारियों की संख्या 16 गुना बढ़ गई है। इससे पता चलता है कि हम साइबर अपराध से कितनी गंभीरता से लड़ रहे हैं।”