N1Live Sports 8 साल की उम्र में गंवाया हाथ, मां ने बढ़ाया हौसला, जाने कौन हैं पैरा चैंपियन निषाद कुमार?
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8 साल की उम्र में गंवाया हाथ, मां ने बढ़ाया हौसला, जाने कौन हैं पैरा चैंपियन निषाद कुमार?

Lost his hand at the age of 8, mother encouraged him, know who is Para Champion Nishad Kumar?

 

नई दिल्ली,  मंजिल उन्हीं को मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है। कुछ ऐसी ही शख्सियत निषाद कुमार की है, जिन्होंने देश-दुनिया में अपनी अलग पहचान बनाई है और अब सफलता की मिसाल बन गए हैं।

निषाद ने पेरिस पैरालंपिक में पुरुषों की हाई जंप टी 47 स्पर्धा में सिल्वर मेडल जीता। इससे पहले टोक्यो में भी उनके नाम रजत पदक था। उनके समर्पण ने उन्हें भारतीय पैरा-एथलेटिक्स में एक चमकता सितारा बना दिया है।

इस पैरा एथलीट का मानना है कि उनकी सफलता के पीछे उनकी मां का हाथ रहा है। हाथ गंवाने के बाद जब निषाद पूरी तरह से टूट चुके थे, तब उनकी मां ने उन्हें कभी यह महसूस नहीं होने दिया कि वह दिव्यांग हो गए हैं।

निषाद कुमार का जन्म 3 अक्टूबर, 1999 को हुआ था। वे हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले के बदायूं गांव के रहने वाले हैं। उनका परिवार खेती से जुड़ा है और बहुत छोटी उम्र से ही उनका रुझान खेती में था। हालांकि, 8 साल की उम्र में उनका बायां हाथ चारा काटने वाली मशीन में फंस गया और इस हाथ को काटना पड़ा। लेकिन इतने बड़े हादसे का शिकार होने के बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी।

शुरुआती पढ़ाई के दौरान ही वह हाई जंप को लेकर प्रैक्टिस करना शुरू कर चुके थे, जिसके परिणाम आज उन्हें वैश्विक मंच पर मिल रहे हैं। वर्ष 2019 में उन्होंने दुबई में हुई विश्व पैरा एथलेटिक्स में 2.05 मीटर छलांग लगाकर स्वर्ण जीतने के साथ ही टोक्यो का टिकट पक्का कर लिया था। इसके बाद टोक्यो 2020 पैरालंपिक में पुरुषों की ऊंची कूद टी47 में 2.06 मीटर की एशियाई रिकॉर्ड छलांग के साथ रजत पदक जीता और यूएसए के डलास वाइज के साथ पोडियम साझा किया।

वैश्विक मंच पर लगातार उनके शानदार प्रदर्शन को देखकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी उनकी सराहना कई बार कर चुके हैं। उनकी प्रतिभा और हौसलों को देखकर यह कहना गलत नहीं होगा कि वो आगे भी कई बड़े मंच पर भारत के लिए मेडल जीतेंगे क्योंकि उन्हें अभी अपने करियर में लंबा सफर तय करना है।

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