N1Live Uttar Pradesh लखनऊ : छोटी नदियों के कायाकल्प पर ‘कैंपेन मोड’ में होगा काम
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लखनऊ : छोटी नदियों के कायाकल्प पर ‘कैंपेन मोड’ में होगा काम

Lucknow: Work on the rejuvenation of small rivers will be done in 'campaign mode'

लखनऊ, 21 मई । उत्तर प्रदेश में गंगा और उसकी सहायक नदियों के संरक्षण और कायाकल्प की दिशा में प्रदेश सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। राज्य गंगा समिति की 15वीं बैठक में कुल 18 परियोजनाओं की समीक्षा कर उन्हें राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) को अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) जारी करने की सिफारिश की गई।

यह बैठक मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह की अध्यक्षता में संपन्न हुई। मुख्य सचिव ने नगर विकास विभाग और राज्य स्वच्छ गंगा मिशन-उत्तर प्रदेश को निर्देश दिया कि कुकरैल नदी की सफाई और गाद निकालने की प्रक्रिया को शुरू कराने हेतु एनएमसीजी को आवश्यक दस्तावेज शीघ्र उपलब्ध कराएं।

इसके साथ ही, जिला गंगा समितियों को अपने-अपने क्षेत्रों की छोटी नदियों पर ध्यान केंद्रित करते हुए, विरासती कचरे और गाद की सफाई के निर्देश दिए गए।

मुख्य सचिव ने कहा कि गोमती, यमुना, आमी, वरुणा, काली ईस्ट और हरनंदी जैसी नदियों को प्राथमिकता के आधार पर संरक्षित किया जाएगा।

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि छोटी नदियों के कायाकल्प हेतु राज्य स्वच्छ गंगा मिशन एक समन्वित कार्ययोजना तैयार करे, जिसे कैंपेन मोड में लागू किया जाए और जिसमें स्थानीय समुदाय की भागीदारी सुनिश्चित की जाए। इस दौरान सरयू/घाघरा नदी के तट पर अयोध्या के गुप्तार घाट के पास “राम अनुभव केंद्र” नामक एक प्रमुख सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक केंद्र की स्थापना को लेकर भी चर्चा की गई।

समिति ने इस परियोजना को अगले सात वर्षों तक विस्तार देने हेतु गंगा प्राधिकरण आदेश, 2016 की धारा 6 (3) के अंतर्गत एनएमसीजी को संस्तुति भेजने का निर्णय लिया। इसमें प्रयागराज, उन्नाव, अयोध्या, लखनऊ, आगरा और सीतापुर की परियोजनाएं शामिल रहीं।

परियोजना निदेशक, राज्य स्वच्छ गंगा मिशन उत्तर प्रदेश डॉ. राज शेखर ने सभी प्रस्तावों पर विस्तृत प्रस्तुति दी। मुख्य सचिव ने कार्यों की प्रगति पर संतोष व्यक्त करते हुए प्रस्तावों को स्वीकृति प्रदान की।

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