March 2, 2025
National

मध्य प्रदेश : साधु-संतो के बीच एक फैसले ने सीएम मोहन यादव को दिलाई नई पहचान

Madhya Pradesh: A decision between sages and saints gave a new identity to CM Mohan Yadav

भोपाल 25 अक्टूबर। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के एक फैसले ने उन्हें साधु और संत समाज के बीच बड़ी पहचान दिलाई है। यह फैसला उज्जैन में हरिद्वार की तर्ज पर साधु-संतों, महंत, अखाड़ा प्रमुखों, महामंडलेश्वर इत्यादि को स्थाई आश्रम बनाने की अनुमति देने का है।

उज्जैन में वर्ष 2028 में सिंहस्थ का आयोजन होने वाला है, 12 साल के अंतराल से यहां धार्मिक समागम होता है। इस आयोजन को व्यवस्थित तरीके से संपन्न कराने के लिए सरकार की तैयारियां जारी हैं। इसी क्रम में मुख्यमंत्री डाॅ यादव ने साधु-संतों के आश्रम को लेकर बड़ा ऐलान किया। उन्होंने कहा, “उज्जैन की पहचान साधु संतों से है। यहां साधु संतों को आने, ठहरने, कथा, भागवत इत्यादि अन्य आयोजन के लिए पर्याप्त रूप से भूखंड की आवश्यकता पड़ती है। इसलिए सरकार ने स्थायी आश्रम बनाए जाने की योजना बनाई है।”

मुख्यमंत्री डाॅ यादव के साधु-संतों को स्थाई आश्रम बनाने की अनुमति दिए जाने के फैसले के बाद से साधु-संत गदगद हैं और सभी अपनी तरह से मुख्यमंत्री का आभार जता रहे हैं। स्वामी अवधेशानंद सरस्वती ने फैसले की सराहना करते हुए कहा, “मुख्यमंत्री डाॅ यादव का यह फैसला उज्जैन तीर्थ विकास और संतो के लिए है। उनकी इस संवेदनशीलता के लिए साधुवाद।”

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष मां मनसा देवी ट्रस्ट हरिद्वार के अध्यक्ष पंचायती निरंजनी अखाड़ा के सचिव महंत रवींद्र पुरी महाराज ने सरकार के फैसले को साधु-संतों के हित में लिया गया फैसला बताया है।

आवाहन पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर अवधूत बाबा अरुण गिरी महाराज (एनवायरमेंट बाबा) ने कहा कि मुख्यमंत्री के फैसले से संतों में बड़ा उल्लास और खुशी है। जो अखाड़ों की जगह है, संतों की जमीन है, उसमें पर्यावरण को बचाते हुए पक्का निर्माण कर सकते हैं।

राज्यसभा सांसद और वाल्मीकि धाम के पीठाधीश्वर बालयोगी उमेश नाथ ने मुख्यमंत्री के फैसले पर कहा, “इस निर्णय का सभी संत समाज के लोग स्वागत करते हैं। इस निर्णय से हरिद्वार जैसा विकास उज्जैन का भी हो जाएगा, जब सभी संत महापुरुषों का वहां आश्रम बनेगा।”

प्रवचनकर्ता पंडित प्रदीप मिश्रा ने गुरुवार की रात को मुख्यमंत्री डाॅ यादव से मुलाकात कर उज्जैन को हरिद्वार जैसा बनाने के फैसले पर आभार जताया।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि उज्जैन में साधु-संतो को स्थाई आश्रम बनाने की अनुमति देने से एक बड़ा वर्ग खुश है और यह वर्ग डाॅ यादव के साथ खड़ा हो गया है। सनातन की बात करने वाले मुख्यमंत्री ने अपने इस फैसले से इसके हिमायती होने का प्रमाण भी दिया है। कुल मिलाकर मोहन यादव अपनी नई पहचान बना रहे हैं।

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