मध्य प्रदेश में हुए परिवहन घोटाले को लेकर कांग्रेस विधायकों के प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार को आयकर विभाग के महानिदेशक से भेंट की और मंत्री गोविंद राजपूत तथा उनके सहयोगियों की हजारों करोड़ की बेनामी संपत्ति के दस्तावेज सौंपकर कार्रवाई की मांग की।
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार के नेतृत्व में कांग्रेस विधायकों के प्रतिनिधिमंडल ने महानिदेशक को एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें गोविन्द सिंह राजपूत के मंत्री रहते भ्रष्टाचार कर अपने, पत्नी तथा बेटों, रिश्तेदारों और अन्य लोगों के नाम से सैकड़ों एकड़ जमीन की अवैध खरीद तथा बेनामी अवैध संपत्ति की जांच करने की मांग की गई है। साथ ही इन संपत्तियों को अटैच करने की भी मांग की गई।
उमंग सिंघार ने संवाददाताओं से चर्चा के दौरान प्रतीकात्मक सोने के बिस्किट भी दिखाए और आरोप लगाया कि परिवहन घोटाले में सिर्फ छोटी मछलियों को पकड़ा जा रहा है। एक सिपाही को गिरफ्तार किया जाता है, लेकिन जो बड़े मगरमच्छ हैं, जिन्होंने हजारों करोड़ की अवैध संपत्ति बनाई है, जिनके पास पैसा पहुंच रहा था, उन पर कार्रवाई नहीं होती। उन्होंने कहा कि यह सरकार भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रही है, इसलिए हमने पहले लोकायुक्त, ईओडब्ल्यू और अब आयकर विभाग में शिकायत की है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि इस मामले में निष्पक्ष जांच सहित सभी बड़े नामों का खुलासा करने की मांग की है, जिस पर महानिदेशक ने जांच का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा कि परिवहन घोटाले में शामिल सभी लोगों की प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री और चुनावी हलफनामे में छुपाई गई संपत्ति के दस्तावेज भी आयकर विभाग को सौंपकर निष्पक्ष जांच की मांग की है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि आयकर विभाग जनता के हित को देखते हुए यह तथ्य सामने लाएगा कि ये सोने की ईंटें किसकी हैं। यह जनता की कमाई है और कांग्रेस पार्टी किसी मंत्री या अधिकारी को इसे खाने नहीं देगी।
उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों राज्य में बड़े परिवहन घोटाले का खुलासा हुआ था। एक कार से 54 किलोग्राम सोना और 10 करोड़ रुपये नकद मिले थे। इतना ही नहीं, ढाई क्विंटल चांदी भी बरामद की गई थी। इस मामले में परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सहित तीन लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। तीन जांच एजेंसियां – ईओडब्ल्यू (आर्थिक अपराध शाखा), ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) और आयकर विभाग – जांच कर रही हैं।
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