मध्य प्रदेश विधानसभा के नेता उमंग सिंघार ने राज्य सरकार पर निवेश की झूठी ब्रांडिंग का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सिर्फ इवेंट और ब्रांडिंग में लगी है जबकि जमीन पर निवेश आया ही नहीं है।
राजधानी भोपाल में संवाददाताओं से बातचीत करते हुए नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि राज्य में निवेश नहीं आ रहा है, बल्कि सरकार सिर्फ़ इवेंट में लगी हुई है और झूठी ब्रांडिंग कर रही है, जो सच्चाई से कोसों दूर है। सरकार तो सिर्फ इवेंट की चकाचौंध में लगी है, जबकि प्रदेश की जमीन पर निवेश गायब है।
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री मोहन यादव ने 14 मई को बेंगलुरु में ‘इनवेस्ट इन एमपी’ सत्र में भाग लेते हुए 7,935 करोड़ रुपये के निवेश और 18,975 नौकरियों के वादे किए। लेकिन जमीनी सच्चाई कुछ और है। मध्य प्रदेश में निवेश सम्मेलन ऐसे हैं जैसे शादी के कार्ड बांटे जाएं, लेकिन दूल्हा-दुल्हन का अता-पता ही न हो।
राज्य में इसी साल राजधानी भोपाल में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर समिट का जिक्र करते हुए नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि इस आयोजन में 30.77 लाख करोड़ के निवेश प्रस्तावों की आने की बात कही गई, मगर इनमें से कितने धरातल पर आए हैं, इसका जवाब अब तक नहीं मिला। सरकार जनता को यह नहीं बता पा रही कि कितने प्रस्तावों पर काम शुरू हुआ है।
नेता प्रतिपक्ष ने विदेशी निवेश को लेकर सवाल उठाया और कहा कि राज्य इस मामले में 15वें स्थान पर है। इस मामले में मध्य प्रदेश की स्थिति को देखते हुए, क्या सरकार व्यापार सुगमता में सुधार के लिए ठोस नीतिगत बदलावों पर विचार कर रही है? राज्य में लघु मध्यम उद्योगों की अनदेखी की जा रही है। 18 लाख इकाइयां हैं, पर महज 1785 करोड़ का बजट दिया गया है। मुख्यमंत्री देश से निवेश ला रहे हैं, पर राज्य के उद्यमियों को ही उनका समर्थन नहीं मिल रहा है।
राज्य में हो रहे निवेश की चर्चा करते हुए नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार लगातार दावे करती है कि निवेश बढ़ रहा है जबकि हकीकत कुछ और है। राज्य निवेश के मामले में लगातार पिछड़ता जा रहा है, इस बात की गवाही विभिन्न मीडिया रिपोर्ट देती हैं। इतना ही नहीं, राज्य की प्रतिभाएं दूसरे स्थान पर जाकर नौकरी करने को मजबूर हैं क्योंकि राज्य में अवसर ही नहीं है।
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