भोपाल, 20 जून। मध्य प्रदेश में कुछ अपात्र लोगों को पेंशन मिलने की सुविधा से वंचित किए जाने के बाद यह चर्चा तेज हो गई कि राज्य सरकार अब पेंशन स्कीम बंद करने जा रही है। ऐसी निराधार चर्चा के सामने आने के बाद कई लोग दिग्भ्रमित हो गए। कई तो इस बात को लेकर आशंकित हो गए कि पेंशन स्कीम के माध्यम से मिलने वाली आर्थिक सहायता मिलना उन्हें बंद हो जाएगी। इसके बाद मध्य प्रदेश सरकार में सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री नारायण सिंह कुशवाह ने सामने आकर खुद बयान दिया है।
नारायण सिंह कुशवाहा ने कहा, “मैं स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि मध्य प्रदेश सरकार द्वारा किसी भी प्रकार की पेंशन स्कीम बंद नहीं की गई है और न ही भविष्य में की जाएगी। हमने महज अपात्र लोगों को इस सुविधा से वंचित किया है, क्योंकि हम चाहते हैं कि सरकार द्वारा निर्धारित मानकों पर खरे उतरने वाले लोगों को ही पेंशन स्कीम की सुविधा मिले। हमारी कोशिश है कि किसी भी अपात्र व्यक्ति को सरकार द्वारा शुरू की जनकल्याणकारी योजना का फायदा न मिले।“
उन्होंने कहा, “वर्तमान में आधार कार्ड से केवाईसी कराने की प्रक्रिया जारी है, जो 85 फीसद तक संपन्न हो चुकी है। यह एक प्रकार की नियमित प्रक्रिया है। इस दौरान कुछ त्रुटियों की वजह से कई लोगों को अपात्र घोषित किया गया है। कल्याणी पेंशन स्कीम में 50 वर्ष से कम उम्र के सभी लाभार्थियों के नाम हटा दिए गए हैं, लेकिन मैं एक बात स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि किसी की भी पेंशन स्कीम बंद नहीं की गई है।“
उन्होंने कहा, “सभी लाभार्थियों के परिपत्रों को आधार कार्ड से जोड़ने की प्रक्रिया जारी है। इसमें कई तरह की विसंगतिया परिलक्षित हो रही हैं, जिन्हें देखते हुए कई लोगों के नाम लाभार्थियों की सूची हटा दिए गए हैं, क्योंकि वो लोग लाभ प्राप्त करने के योग्य नहीं थे। वहीं, मैं एक बात कहना चाहूंगा कि अगर किसी कारणवश किसी पात्र व्यक्ति का नाम लाभार्थियों की सूची से हटा दिया गया है, तो वो संबंधित विभाग में जाकर इस संबंध में शिकायत दर्ज करा सकते हैं। मैं आश्वस्त करता हूं कि उन्हें दोबारा से लाभार्थियों की सूची में जोड़ दिया जाएगा। मुमकिन है कि किसी कागजी खामी की वजह से कई पात्र लोगों के नाम भी अपात्र घोषित कर दिए गए हों।“