चेन्नई, 6 फरवरी। मद्रास उच्च न्यायालय ने तमिलनाडु सरकार से पूछा है कि वह श्रीलंकाई नौसेना द्वारा गिरफ्तार किए गए मछुआरों के मुद्दे पर रचनात्मक कदम क्यों नहीं उठा रही है।
श्रीलंकाई नौसेना की हिरासत में मौजूद तमिल मछुआरों की सुरक्षित वापसी की मांग करने वाले गैर सरकारी संगठन फिशरमेन केयर द्वारा दायर जनहित याचिका का जवाब देते हुए मद्रास उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश एस.वी. गंगापुरवाला ने हैरानी जताई कि राज्य सरकार मछुआरों का मुद्दा क्यों नहीं उठा रही है।
एनजीओ ने अदालत से श्रीलंका और तमिलनाडु के बीच जल में तमिल मछुआरों के मछली पकड़ने के पारंपरिक अधिकारों की रक्षा करने का अनुरोध किया।
एनजीओ के वकील ने अदालत से अनुरोध किया कि वह समुद्र में पारंपरिक मछुआरों के सामने आने वाले मुद्दों पर चर्चा करने के लिए राज्य और केंद्र सरकार के अधिकारियों की एक संयुक्त समिति के गठन पर विचार करे, जहां उन पर श्रीलंकाई नौसेना और समुद्री डाकुओं द्वारा हमला किया जाता है।
तमिलनाडु सरकार के वकील ने अदालत को बताया कि मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है।
पीठ ने मामले की अगली सुनवाई की तारीख 1 मार्च तय की।
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