महाकुंभ नगर, 9 जनवरी । महाकुंभ-2025 के भव्य-सुरक्षित और सफल आयोजन को सुनिश्चित करने के लिए तथा किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए महाकुंभ पुलिस लगातार प्रयास कर रही है। थाना अखाड़ा महाकुंभ मेला क्षेत्र में पुलिस उप महानिरीक्षक वैभव कृष्ण के दिशा-निर्देशों पर आपातकालीन तैयारी की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए रात्रि 2 बजे अखाड़ा क्षेत्र में मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया।
मॉक ड्रिल में विभिन्न आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए अलार्म को सक्रिय करना, निकासी प्रक्रियाओं का अभ्यास करना, अग्नि सुरक्षा उपकरणों की कार्य क्षमता का प्रशिक्षण शामिल था।
मॉक ड्रिल का प्रथम उद्देश्य श्रद्धालुओं को आपात स्थिति के दौरान तुरंत और सही तरीके से प्रक्रिया करने के लिए तैयार करना व व्यक्तियों को अग्नि सुरक्षा उपकरणों के उपयोग और फायर कर्मियों के बीच समन्वय स्थापित करते हुए सुरक्षा/बचाव कैसे सुनिश्चित करना है, का अभ्यास करना था। इस दौरान मॉक ड्रिल में पुलिस उप महानिरीक्षक/वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एवं अन्य राजपत्रित अधिकारी/कर्मचारी उपस्थित रहे।
वहीं, इस बार डिजिटल महाकुंभ को लेकर भी कई पहल की गई है। प्रयागराज में हो रहे महाकुंभ-2025 में 40 करोड़ श्रद्धालुओं को सुरक्षित स्नान कराने के लिए लगभग 50 हज़ार पुलिस कर्मी तैनात होंगे।
एसएसपी कुंभ मेला राजेश द्विवेदी ने बताया कि कुंभ मेले में आए पुलिस कर्मियों का सॉफ्ट स्किल, आपदा प्रबंधन, भौगोलिक स्थितियों की जानकारी आदि के लिए प्रशिक्षण चल रहा है।
इस दौरान सभी पुलिस कर्मियों की अटेंडेंस बायोमेट्रिक तरीके से रिकॉर्ड की जा रही है। जिससे हाज़िरी लगाने में समय की बचत के साथ ही रिकॉर्ड मेंटेन करने में भी आसानी हो रही है। इससे पूर्व अटेंडेंस के लिए पारंपरिक रजिस्टर का रख रखाव मुश्किल होता था, लेकिन डिजिटल अटेंडेंस ने इन झंझटों से मुक्ति दिला दी है।
महाकुंभ मेला में आए लगभग 10 हज़ार से अधिक पुलिस कर्मियों की पहले और दूसरे चरण की ट्रेनिंग हो चुकी है, जबकि तीसरे चरण का प्रशिक्षण चल रहा है। महाकुंभ मेला में उत्तर प्रदेश के लगभग सभी जनपदों से पुलिस कर्मी ड्यूटी करने आए है। बायोमैट्रिक हाज़िरी के लिए उनकी सम्पूर्ण जानकारी फीड की जाती है।
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