महाकुंभ नगर, 27 दिसंबर । महाकुंभ 2025 कई मायनों में इस बार वर्ल्ड रिकॉर्ड स्थापित करने जा रहा है। मेला प्राधिकरण की ओर से इस बार विभिन्न श्रेणियों में चार अलग-अलग वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाए जाने की तैयारी की गई है, जबकि किसी एक आयोजन में एक साथ सर्वाधिक संख्या में श्रद्धालुओं के जुटने का भी वर्ल्ड रिकॉर्ड स्थापित होने की पूरी संभावना है।
इसके साथ ही नेत्र परीक्षण और चश्मा वितरण का भी वर्ल्ड रिकॉर्ड स्थापित होने जा रहा है। यह पहला अवसर होगा जब किसी आयोजन में एक साथ 5 लाख लोगों के नेत्र परीक्षण किए जाएंगे और तीन लाख चश्मे वितरित किए जाएंगे। इसके लिए नागवासुकि के पास सेक्टर-5 में भव्य नेत्र कुंभ बनकर तैयार है। करीब 10 एकड़ क्षेत्र में स्थापित ‘नेत्र कुंभ 2025’ का शुभारंभ 5 जनवरी को किया जाएगा। इसके बाद यहां आने वाले श्रद्धालु अपनी आंखों की निशुल्क जांच करा सकेंगे और आवश्यकता होने पर अपने घर लौटकर करीब के अस्पताल में ऑपरेशन भी करा सकेंगे।
आयोजन समिति के सदस्य डॉ. रंजन बाजपेई ने बताया कि 5 जनवरी को ‘नेत्र कुंभ’ का शुभारंभ किया जाएगा। इसका उद्घाटन मुख्य अतिथि जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरि महाराज के कर कमलों से होगा, जबकि विशिष्ट अतिथि के रूप में गौरांग प्रभु जी महाराज एवं मुख्य वक्ता के रूप में संघ के सह कार्यवाह डॉ. कृष्ण गोपाल जी रहेंगे।
उन्होंने बताया कि पिछले ‘नेत्र कुंभ’ में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के नेत्र परीक्षण किए गए थे। इस बार इसकी संख्या को दोगुना कर दिया गया है। इस बार तीन लाख चश्मा और 5 लाख ओपीडी का लक्ष्य है। एक दिन में 10 हजार ओपीडी का लक्ष्य है। इसके लिए व्यापक व्यवस्था की गई है। इस बार का ‘नेत्र कुंभ’ वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाएगा। पिछली बार इसने लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपनी जगह बनाई थी और इस बार इसे गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में जगह दिलाने का प्रयास किया जाएगा। इसके लिए एक समिति बनाई जाएगी, जो आगे की कार्यवाही सुनिश्चित करेगी।
उन्होंने कहा कि पूरे भारत वर्ष से हमने 240 बड़े अस्पतालों के साथ टाईअप किया है। पूरे भारत के विभिन्न प्रांतों से डॉक्टर अपनी सेवाएं देने के लिए आ रहे हैं। हमारा प्रयास यही है कि लोगों को पुनः ज्योति मिल सके। डॉक्टरों के रहने और खाने-पीने की व्यवस्था की गई है। जो जिस प्रांत से आया है, उसे उसके प्रांत का भोजन उपलब्ध कराया जाएगा। डॉक्टराें के लिए चार बेड की 40 डॉरमेट्री बनाई गई, जबकि महिला डॉक्टरों के लिए भी अलग से डॉरमेट्री की व्यवस्था है। इन डॉरमेट्रीज में कुल 140 डॉक्टर रहेंगे। इसके अतिरिक्त तीर्थयात्रियों के लिए 16-16 बेड की डॉरमेट्री बनाई गई है, जबकि कार्यकर्ताओं के लिए 8-8 बेड की डॉरमेट्री निर्मित की गई है।
आयोजन में क्राउड मैनेजमेंट की जिम्मेदारी संभाल रहे राजेश कुमार सिंह ने बताया कि करीब 10 एकड़ में ‘नेत्र कुंभ’ निर्मित हुआ है। इसमें कुल 11 हैंगर बनाए गए हैं। पिछली बार सिर्फ 5 हैंगर थे। यहां सुव्यवस्थित तरीके से नेत्र जांच की जाएगी। एक बड़ा हैंगर बनाया गया है, जहां सभी श्रद्धालु जमा होंगे। इसके बाद उन्हें दो अलग-अलग ओपीडी चैंबर्स में भेजा जाएगा, जहां वो अपना रजिस्ट्रेशन कराने के बाद डॉक्टर को दिखा पाएंगे। रजिस्ट्रेशन के पीछे डॉक्टरों के चैंबर बनाए गए हैं, इसमें 4-4 डॉक्टर और 10-10 ऑप्टोमेट्रिस्ट रहेंगे। यहीं पर एक मेडिसिन काउंटर और एक रेफरल काउंटर रहेगा। यहां से चश्मे के लिए रेफर किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि चश्मे का अलग ब्लॉक बनाया गया है। पिछली बार की तरह इस बार भी इंश्योर किया गया है कि लोगों को बहुत अच्छी क्वालिटी के चश्मे प्राप्त हो सकें। राजेश सिंंह ने बताया कि इस बार हमने चश्मा वितरण के लिए सिर्फ एक ही वेंडर को हायर किया है और उसे अच्छे क्वालिटी का चश्मा देने की रिक्वेस्ट की है। ये वेंडर लगभग सभी बड़ी कंपनियों को अपने चश्मे प्रोवाइड कराता है।
आयोजन समिति में शामिल दिल्ली के सुनील कुमार सिंह ने बताया कि नेत्र कुंभ में नेत्र दान करने वालों के लिए भी एक शिविर बनाया गया है। जिस तरह प्रयागराज में सम्राट हर्षवर्धन जी अपना सर्वस्व दान कर देते थे, उसी से प्रेरित होकर पूरे प्रदेश और देश से दानवीर यहां आते हैं। हमारे यहां अंधता के लगभग डेढ़ करोड़ लोग हैं। इनमें से तमाम लोग ऐसे हैं, जिनके कार्निया खराब हो गए हैं। उनको कार्निया की आवश्यकता है। हमसे बहुत छोटा देश श्रीलंका पूरी दुनिया को कार्निया देता है। हमने संकल्प लिया है कि हम यहां भी नेत्रदान का एक शिविर लगाएंगे और उसमें जो लोग अपने नेत्र दान करने की इच्छा रखते हैं वो यहां नेत्र दान कर लोगों को ज्योति दे सकेंगे। पिछली बार 11 हजार से अधिक लोगों ने नेत्र कुंभ में नेत्रदान किया था।
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